एयर इंडिया फ्लाइट केस: यात्रा को लेकर 4 महीने के लिए बैन हुए आरोपी शंकर मिश्रा, सामने आई रिपोर्ट

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एयर इंडिया की फ्लाइट में हुए पेशाब केस में फिर एक नया मोड़ आया है. आरोपी शंकर मिश्रा पर एयर इंडिया ने अब 4 महीने के लिए बैन लगा दिया है. गुरुवार को ये जानकारी एयर इंडिया के सूत्रों द्वारा दी गई. सूत्रों के मुताबिक, इस मामले को लेकर एयरलाइन ने एक इंटरनल रिपोर्ट भी दायर की है. दरअसल, बीते वर्ष 26 नवंबर को एयर इंडिया की न्यूयॉर्क-नई दिल्ली फ्लाइट में 72 वर्षीय बुजुर्ग महिला सहयात्री पर आरोपी शंकर मिश्रा ने कथित तौर पर पेशाब किया था.

शुरुआत में फ्लाइट में यात्रा करने को लेकर एयर इंडिया ने आरोपी शंकर मिश्रा पर 30 दिनों का बैन लगाया था. इसके साथ ही, इस स्थिति से निपटने में चालक दल के मेंबर्स से जो चूक हुई थी, उसकी जांच के लिए एक इंटरनल समिति का गठन किया गया था. वहीं, उसकी जांच रिपोर्ट अब आ गई है.

बता दें इस मामले में शुरुआत 26 नवंबर को हुई जब एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-102 की बिजनेस क्लास की सीट 8ए सीट में बैठे शंकर मिश्रा नाम के शख्स ने नशे की हालत में अपनी बुजुर्ग महिला सहयात्री के ऊपर पेशाब कर दिया था, जिसको लेकर उस पर केस चला और कार्रवाई की गई. दिल्ली पुलिस ने आरोपी शंकर मिश्रा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 294, 354, 509 और 510 और भारतीय विमान अधिनियम की धारा 23 के तहत एफआईआर दर्ज की थी. 7 जनवरी, 2023 को दिल्ली पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से आरोपी शंकर मिश्रा को बेंगलुरु शहर के संजय नगर इलाके से गिरफ्तार किया था.

 

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इसके पहले 6 जनवरी, 2023 को शंकर मिश्रा ने अपने वकील इशानी शर्मा और अक्षत बाजपेई के जरिए बयान जारी करके कहा था कि बुजुर्ग महिला को मुआवजा देकर मामला सुलझा लिया गया है. आरोपी शंकर मिश्रा के वकीलों इशानी शर्मा और अक्षत बाजपेई ने भी दावा किया था कि शंकर मिश्र ने महिला को मुआवजे के तौर पर 15000 रुपये दिए थे. शंकर ने महिला के कपड़े भी धुलवाकर वापस किए थे. हालांकि, शंकर और पीड़ित महिला की बेटी के बीच हुई व्हाट्सएप चैट में पता चला कि परिवार ने पैसे वापस कर दिए थे.

आरोपी शंकर मिश्रा की वकील इशानी शर्मा ने कहा था कि ऐसा लगता है कि महिला ने खुद पेशाब किया है. वह प्रोस्टेट से जुड़ी किसी बीमारी से पीड़ित थी. जिसे कथक नृत्य से जुड़े कई लोग पीड़ित प्रतीत होते हैं. बैठने की व्यवस्था ऐसी थी कि कोई उसकी सीट तक नहीं जा सकता था. महिला की सीट पर केवल पीछे से ही जाया जा सकता था और किसी भी हालत में पेशाब सीट के सामने वाले हिस्से तक नहीं पहुंच सकता था. शिकायतकर्ता के पीछे बैठे यात्री ने भी ऐसी कोई शिकायत नहीं की.

उधर, इस मामले पर शंकर के पिता श्याम मिश्रा ने अपने बेटे का बचाव किया था. श्याम मिश्रा ने दावे से कहा था कि उनके बेटे के खिलाफ मामला झूठा है. उनके बेटे को ब्लैकमेल किया जा रहा है. महिला ने भुगतान की मांग की थी, उसे भुगतान कर दिया गया था.

 

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