भारत वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुआ डॉ. अरुण खोबरे का नाम, विश्व की सबसे बड़ी श्रीरामचरित मानस लिखने पर दूसरा विश्व रिकार्ड

विश्व की सबसे बड़ी श्रीरामचरित मानस लिखने वाले प्रोफेसर एवं कवि डॉ. अरुण खोबरे (अरुण अज्ञानी) का नाम भारत वर्ल्ड रिकार्ड ने भी विश्व रिकार्ड के रुप में दर्ज कर लिया है।

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विश्व की सबसे बड़ी श्रीरामचरित मानस लिखने वाले प्रोफेसर एवं कवि डॉ. अरुण खोबरे (अरुण अज्ञानी) का नाम भारत वर्ल्ड रिकार्ड ने भी विश्व रिकार्ड के रुप में दर्ज कर लिया है। भारत वर्ल्ड रिकार्ड ने विश्व की सबसे बड़ी, लंबी, वजनी श्रीरामचरित मानस के रुप में नाम दर्ज किया है। छिंदवाड़ा जिले के रहने वाले एवं भोपाल को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले डॉ.अज्ञानी की इस उपलब्धि पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.केजी. सुरेश ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

ओएमजी बुक ऑफ रिकार्ड में भी दर्ज हो चुका है नाम:

प्रोफेसर से साथ कवि, एवं गीतकार डॉ. अज्ञानी ने कहा कि उन्होंने हनुमान जी की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से ही श्रीरामचरित मानस को लिखा है। इस रिकार्ड को उन्होंने अपने माता-पिता को समर्पित किया है। इससे पूर्व डॉ. खोबरे का नाम का नाम ओएमजी बुक ऑफ रिकार्ड में भी विश्व रिकार्ड के रुप में दर्ज हो चुका है। श्रीरामचरित मानस को उन्होंने पीले कागज पर लाल स्याही से 149 दिनों में लिखा है। 6333 पेजेस में लिखी गई श्रीरामचरित मानस की कुल लंबाई सवा चार फिट (लगभग 51 इंच) है एवं इसके कागज का वजन 170 किलो है।

डॉ. अरुण खोबरे:

डॉ. अरुण खोबरे मीडिया जगत के कई न्यूज संस्थानों में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। साथ ही माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वर्तमान में अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. खोबरे को लोग कवि, गीतकार, गजलकार और शायर के रूप में भी जानते हैं। लगभग तीन दर्जन से ज्यादा सम्मान, पुरस्कार प्राप्त कर चुके अरुण अज्ञानी अपनी कविताओं, गीतों, गजलों को मधुर आवाज में सुनाने के लिए जाने जाते हैं।

 

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