महामारी के कारण तिरंगे की बिक्री में आई भारी गिरावट

0

कोरोनावायरस महामारी के कारण स्कूल, कॉलेज और ज्यादातर निजी प्रतिष्ठान बंद हैं, जिसके चलते स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों को लेकर भी अनिश्चितता है। इसका सीधा असर खादी ग्राम उद्योग द्वारा बनाए गए तिरंगों की बिक्री पर पड़ा है। लखनऊ में खादी आश्रम के एक कर्मचारी ने कहा, “हर साल हम राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री में वृद्धि देखते आ रहे हैं। लेकिन इस साल इसकी मांग न के बराबर है। सरकारी कार्यालयों को छोड़कर, अधिकांश निजी प्रतिष्ठान ध्वजारोहण समारोह नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि चूंकि हर कोई घर से काम कर रहा है, ऐसे में समारोह के लिए कर्मचारियों को बुलाने का कोई मतलब नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा कि लगभग 70 फीसदी बिक्री स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में होती है, लेकिन इस साल उनकी ओर से शायद ही कोई ऑर्डर मिले हैं। लिहाजा कारोबार में 90 फीसदी तक की गिरावट आई है।

flag

तिरंगों की ऑनलाइन बिक्री

ब्रिकी में कमी के पीछे एक और कारण एमेजॉन जैसी साइट्स के जरिए तिरंगों की ऑनलाइन बिक्री होना है।

एक कर्मचारी ने कहा, “लोग बाजार जाने से बच रहे हैं इसलिए वे ऑनलाइन खरीदी कर रहे हैं। इससे भी हमारी बिक्री प्रभावित हुई है।”

महामारी

राष्ट्रीय झंडे का उत्पादन

मेरठ में खादी इकाई के डाइंग और प्रिंटिंग विभाग के मैनेजर भूपिंदर कुमार उपाध्याय ने कहा, “सस्ते सिंथेटिक झंडे की आमद ने भी हमारे व्यापार को प्रभावित किया है। जबकि भारत के संविधान ने विशेष रूप से उल्लेख किया है कि तिरंगे को कपास की खादी से बनाया जाना चाहिए। एक समय था जब 800 श्रमिक यहां काम करते थे, लेकिन आज लगभग सात श्रमिक हैं।”

गौरतलब है कि ज्यादातर खादी यूनिट में राष्ट्रीय झंडे का उत्पादन मार्च से शुरू होता था लेकिन इस साल लॉकडाउन के कारण करीब चार महीने से उत्पादन ठप है।

यह भी पढ़ें: कोविड-19: भारत में रिकॉर्ड 1 हजार से अधिक मौतें और 62,064 नए मामले दर्ज

यह भी पढ़ें: ईरान के राष्ट्रपति ने की भविष्यवाणी- ‘अगले 6 महीनों तक रहेगी कोविड-19 महामारी’

यह भी पढ़ें: दुनिया में 2 करोड़ के करीब पहुंचा कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। अगर आप हेलो एप्पडेलीहंट या शेयरचैट इस्तेमाल करते हैं तो हमसे जुड़ें।)
Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More