नीदरलैंड : धूमधाम से मनाई गांधी जयंती, 800 लोगों ने निकाला मार्च

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अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर विभिन्न राष्ट्रीयता और उम्र के 800 से अधिक लोगों ने रविवार को द हेग में आयोजित ‘गांधी मार्च’ में भाग लिया। इस मार्च का आयोजन ‘महात्मा का अनुसरण करो’ अभियान के तहत नीदरलैंड सरकार ने किया था। नीदरलैंड मराठी मंडल के सहभागियों ने मनोरंजक नृत्य और पारंपरिक ढोल के साथ प्रतिष्ठित शांति महल के परिसर में दिन की शुरुआत की। शांति महल में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय और स्थायी मध्यस्थता न्यायालय स्थित हैं।

द हेग स्थित भारतीय दूतावास की तरफ से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, द हेग के उपमहापौर द्वय राबिन बलदेवसिंह और कास्र्टन क्लेन के साथ ही नीदरलैंड में भारत के राजदूत वेणु राजामोनी ने संक्षिप्त भाषण दिए और मार्च को हरी झंडी दिखाई।

शांति पैलेस के बाहर जलती हुई अनन्त ‘विश्व शांति की लौ’ (जो कि दिल्ली के राजघाट में महात्मा गांधी स्मारक पर जलने वाली लौ के आधार पर तैयार की गई थी) को उपमहापौर और राजदूत वेणु राजामोनी को सौंपा गया। राजामोनी ने कई देशों के राजदूतों, चान संतोखी (सांसद) और सूरीनाम के विपक्षी नेता और भारतीय समुदाय के नेताओं के साथ मार्च का नेतृत्व किया।

इस रंग-विरंगे मार्च के आगे मोटरसाइकिल सवार चल रहे थे, उसके पीछे घुड़सवार पुलिस बल थे। यह मार्च ऐतिहासिक ग्रोट कर्क से शुरू हुआ और करीब एक घंटे तक चला और शहर के मार्गो से होता हुआ बिग चर्च ऑफ द हेग में खत्म हुआ।

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इस मार्च में पहुंचे अन्य गणमान्य लोगों में दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रिया, स्पेन, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और श्रीलंका के राजदूत, भारतीय मूल के राजनेता और सेलिब्रिटी मिलिंद सोमन, टाटा स्टील नीदरलैंड के अध्यक्ष थियो हेनरार, प्रोफेसर विनोद सुब्रह्मण्यम, एम्स्टर्डम में विरिजे विश्वविद्यालय के रेक्टर मैग्नीफिकस, नीदरलैंड संसद के पूर्व सदस्य आर. रामलाल और तान्या जेदनंद सिंह शामिल हैं।

समारोह का समापन महात्मा गांधी के पसंदीदा गीतों ‘लीड, काइन्डली लाइट’ और ‘एबाइड विद मी’ की प्रस्तुति के साथ साथ द हेग के अमेरिकी प्रोटेस्टेंट चर्च के एक समूह द्वारा प्रसिद्ध अमेरिकी नागरिकों के गीत ‘वी शैल ओवरकम’ के साथ हुआ।

महात्मा गांधी फाउंडेशन द्वारा शांति पैलेस में एक बहुराष्ट्रीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें महात्मा गांधी के संदेश के बारे में वक्ताओं ने अपनी बात रखी। द हेग में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास भी भारतीय समुदाय के लोगों ने कार्यक्रम आयोजित किए। इसके साथ ही भारतीय छात्रों ने मास्ट्रिच विश्वविद्यालय में सफाई अभियान और डेल्फ्ट के तकनीकी विश्वविद्यालय में एक चर्चा आयोजित की।

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