हाथरस हादसे में 6 आरोपित गिरफ्तार, मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी पर एक लाख का इनाम …
हाथरस हादसे में पुलिस का बड़ा एक्शन सामने आया है. इस मामले में पुलिस ने पूछताछ के बाद आयोजन समिति के जुड़े 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस कार्रवाई की जानकारी प्रेस वार्ता में आईजी शलभ माथुर ने दी है. उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है. वही पुलिस उसके खिलाफ जल्द ही गैर जमानती वारंट जारी करेगी. इसके साथ ही आईजीपी ने कहा कि, अगर जरूरत पड़ी तो भोले बाबा से पूछताछ की जाएगी.
इस मामले में बाबा का रोल सामने आया तो उनके खिलाफ भी करवाई की जाएगी. हालांकि एफआईआर में भोले बाबा का नाम नहीं है. लेकिन भोले बाबा के अपराधिक इतिहास की जानकारी जुटाई जा रही है. उनके फॉलोअर्स हर शहर में हैं, ऐसे में कई शहरों में पुलिस की टीमें लगी हुई हैं. बाबा ने नौकरी से वीआरएस लिया था, न्यायिक आयोग इसमें प्रशासनिक लापरवाही की जांच करेगा.
आईजी ने कही ये बात
इसके अलावा आईजी ने बताया कि जिन आरोपितों को पूछताछ के बाद अरेस्ट किया गया है, वह आयोजन समिति के मेंबर हैं. आरोपित घटना के बाद मौके से फरार हो गए थे. गिरफ्तार आरोपितों में 2 महिलाएं शामिल हैं. आरोपी खुद ही क्राउड मैनेजमेंट का काम करते थे. इस काम के लिए प्रशासन का हस्तक्षेप इन्हें स्वीकार नहीं था. हादसे में जान गंवाने वाले 121 लोगों की पहचान हो गई है. साथ ही आपको बता दें कि, सूरजपाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार के सत्संग के बाद भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गयी थी.
हादसा या साजिश ! होगी जांच …
वहीं, जिला मजिस्ट्रेट आशीष कुमार ने बताया कि, भगदड़ के बाद 21 लोगों को आगरा, 28 लोगों को एटा, 34 लोगों को हाथरस और 38 लोगों को अलीगढ़ उपचार के लिए भेजा गया है. वही उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को हाथरस हादसे की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग बनाया, जो हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में इस संभावना की भी जांच करेगा कि, भगदड़ के पीछे कोई साजिश थी या नही. वही दो महीने के भीतर पैनल अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. हाथरस के फुलहारी गांव में पुलिस ने सत्संग के आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जिन पर 2.5 लाख लोगों को कार्यक्रम स्थल पर ठूंसने का आरोप लगाया गया है, जबकि कार्यक्रम में केवल 80,000 लोगों की उपस्थिति बताई जा रही है.
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एफआईआर में बाबा का नाम क्यों नहीं – योगी
जिला न्यायाधीश ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत के दौरान बताया है कि, 2 जुलाई की देर रात सिकंदराराऊ थाने में दर्ज एफआईआर में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर सहित अन्य आयोजकों को आरोपित बनाया गया है. वही बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों से मुलाकात भी की थी. इस दौरान सीएम योगी पूछा था कि धर्मगुरु का नाम आरोपी के तौर पर एफआईआर में क्यों नहीं दर्ज किया गया? उन्हें बताया गया कि, प्रथम दृष्टया इस कार्यक्रम की अनुमति के लिए आवेदन करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और जो भी इसके लिए जिम्मेदार होगा, इसके दायरे में आ जाएगा.