मोदी जैसा कोई नहीं
आज के समय में नरेंद्र मोदी एक ऐसा सितारा बन चुके हैं जहां अंधेरे और उजाले के मायने खत्म हो चुके हैं। नरेंद्र मोदी के आभामंडल के आगे विपक्ष का वजूद खत्म होता नजर आ रहा है..औऱ उसे बचाने के लिए विपक्ष को एक ऐसे चेहरे को तलाशना होगा जो नरेंद्र मोदी के जनाधार को अपने जनाधार में बदलने की ताकत रखता हो। नरेंद्र मोदी जनता की नब्ज को अच्छी तरह से समझते हैं इसीलिए वो वही बोलते है जो जनता सुनना चाहती है। नरेंद्र मोदी आज के समय में ऐसे नेता बन चुके हैं जिन्हें न तो भाजपा के अंदर कोई टक्कर देने वाला दिखाई दे रहा है न ही विपक्ष में।
पीएम मोदी को टक्कर देने वाला कोई नहीं
पार्टी के अंदर अगर कुछ ऐसे चेहरे हैं तो उनमें योगी आदित्यनाथ है जिन्हें जनता आने वाले समय में पीएम पद का दावेदार मानती है वहीं दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान है जिनको जनता थोड़ा बहुत पीएम के रुप में देखती है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि नरेंद्र मोदी नहीं तो कौन…क्योंकि आज के समय में ये कहना मुश्किल है कि भाजपा की वजह से नरेंद्र मोदी बने है या फिर नरेंद्र मोदी की वजह से बीजेपी बनी है, सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि एनडीए का वजूद भी बढ़ा है। मोदी ऐसी शख्सियत हैं जिन्हें पता है विरोधियों पर कब वार करना है। पीएम मोदी की खत्म होती लोकप्रियता को उन्होंने एक बार फिर से जनता के बीच कायम करते हुए उसी मुकाम पर पहुंच गए।
पीएम मोदी कोई भी फैसला लेने से डरते नहीं
पीएम मोदी बड़े से बड़े फैसले लेने से डरते नहीं हैं यही वजह है कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसले भी उनके लिए हितकारी साबित हुए। जनता ने नोटबंदी का पूरा समर्थन किया और पीएम मोदी के फैसले को सिर माथे से लगा लिया। जनता लाइन में लग गई लेकिन पीएम मोदी के प्रति अपना विश्वास डिगने नहीं दिया। पीएम मोदी के हर पासे को विपक्ष गलत साबित करने की कोशिश खूब करता है लेकिन पीएम मोदी उन्हीं के वार को अपना हथियार बना लेते हैं। आज के समय में विपक्ष सत्ता से दूर शून्य की तरफ बढ़ रहा है। नरेंद्र मोदी का विजयरथ अश्वमेघ घोड़े की तरह पूरे भारत में दौड़ रहा है जिसे रोकने के लिए विपक्ष के पास अब सामार्थ्य नहीं बचा है। देखते ही देखते देश के 21 राज्यों में भाजपा की सरकार बन चुकी है।
मोदी सरकार के 4 साल
प्रधानमंत्री के तौर पर आज चार वर्ष पूरा कर रहे नरेंद्र मोदी पर लोगों का भरोसा कायम है। टाइम्स मेगा ऑनलाइन पोल के नतीजों ने भी इस पर मुहर लगा दी है। नरेंद्र मोदी अभी भी देश के सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता बने हुए हैं। पोल मे शामिल 8,44, 646 लोगों में से दो-तिहाई से ज्यादा लोगों (71.9%) का कहना है कि वे एक बार फिर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट डालेंगे, वहीं 73.3% लोगों का मानना है कि आज आम चुनाव हुए तो केंद्र में एक बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनेगी।
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प्रधानमंत्री पद के लिए जहां नरेंद्र मोदी पोल में काफी आगे रहे, वहीं 16.1% लोगों का कहना था कि वे मोदी या राहुल गांधी के अलावा किसी और को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट डालेंगे। 11.93% लोगों ने कहा कि वे राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट करेंगे। यह पोल टाइम्स ग्रुप की नौ भाषाओं की 9 साइटों पर 23-25 मई के बीच चलाया गया था।
मोदी सरकार का कामकाज अच्छा
मोदी सरकार के अबतक के कामकाज से जुड़े सवाल के जवाब में करीब 2 तिहाई लोगों ने कहा कि सरकार बहुत अच्छा या अच्छा कर रही है। 47.4 प्रतिशत पाठकों ने कहा कि मोदी सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। 20.6 प्रतिशत लोगों ने सरकार के कामकाज को अच्छा बताया। 11.38 प्रतिशत लोगों ने सरकार के कामकाज को औसत तो 20.55 प्रतिशत लोगों ने खराब बताया।
GST लागू करना सबसे बड़ा फैसला
सर्वे में लोगों से मोदी सरकार की सबसे बड़ी कामयाबी के साथ-साथ सबसे बड़ी नाकामी को लेकर सवाल पूछे गए थे। 33.42 प्रतिशत लोगों ने जीएसटी के क्रियान्वयन को मोदी सरकार का सबसे सफल फैसला बताया। 21.9 प्रतिशत के साथ सबसे सफल फैसलों में दूसरे नंबर पर नोटबंदी, तीसरे पर पीओके में आतंकी कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक (19.89%) और चौथे नंबर पर जन धन योजना (9.7 प्रतिशत) का फैसला रहा।
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पर्याप्त रोजगार सृजन न होना सबसे बड़ी नाकामी
पर्याप्त रोजगार पैदा नहीं हो पाना मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी के तौर पर उभरा है। 28.30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि रोजगार सृजन न कर पाना मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है। हालांकि बेरोजगारी को दूर करने के लिए सरकार के प्रयासों से करीब 58.4 प्रतिशत लोग संतुष्ट दिखे। इनमें से 37.2 प्रतिशत लोगों ने सरकार के प्रयासों को संतोषजनक बताया, वहीं 21.2 प्रतिशत ने माना कि सरकार इस मोर्चे पर ‘बहुत अच्छा’ कर रही है। इस मुद्दे पर 36 प्रतिशत लोगों ने सरकार को खराब रेटिंग दी। 14.28 प्रतिशत ने सरकार की कश्मीर नीति को सबसे बड़ी नाकामी माना।
नोटबंदी पर बंटी हुई है लोगों की राय
नोटबंदी को लागू हुए डेढ़ साल से ज्यादा वक्त गुजर चुके हैं लेकिन इसे लेकर लोगों की राय जबरदस्त तरीके से बंटी हुई है। एक तरफ जहां पोल में हिस्सा लेने वाले हर 5 में से एक शख्स ने इसे सबसे बड़ी नीतिगत कामयाबी बताया, वहीं 22.2 प्रतिशत लोग इसे एनडीए सरकार की सबसे बड़ी नाकामी के तौर पर देखते हैं।
एकजुट विपक्ष में भी दम नहीं
नरेंद्र मोदी को हराने के लिए विपक्ष एकजुट जरुर हो रहा है लेकिन इस गठबंधन में पीएम पद का दावेदार कौन होगा किस पर सहमति बनेगी ये अब भी बड़ा सवाल बना हुआ है क्योंकि महागठबंधन में जितने भी दल एकसाथ आ रहे हैं उनमें से ज्यादातर खुद की पार्टी के चेहरों को पीएम पद का दावेदार पेश करने में लगी हुई हैं। कर्नाटक के हालिया विधानसभा चुनाव के बाद भले ही तमाम विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ संयुक्त विपक्षी मोर्चा बनाने की कवायद में जुटी हैं, लेकिन पोल में शिरकत करने वाले 57.1 प्रतिशत लोगों ने कहा कि एकजुट विपक्ष का गठबंधन अगले लोकसभा चुनाव में असरकारी नहीं रहेगा। हालांकि 28.96 प्रतिशत ने कहा कि संयुक्त विपक्षी गठबंधन कारगर रहेगा। 13.92 प्रतिशत की इस पर कोई राय नहीं थी।
सोर्स- एनबीटी