एमपी के 29 फीसदी युवा मास्क पहनने से करते हैं परहेज : सर्वे
मध्य प्रदेश में देश के अन्य हिस्सों की तरह कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। सरकार ने संक्रमण रोकने के मकसद से मास्क पहनने को अनिवार्य किया है। इसके बावजूद 29 फीसदी युवा ऐसे हैं, जो मास्क का उपयोग करने से परहेज करते हैं या कभी-कभार पहनते है। यह खुलासा यहां कराए गए एक सर्वेक्षण से हुआ है। पिछले दिनों जॉन हापकिंस संचार कार्यक्रम के रिसर्च एवं स्ट्रैटिजिक प्लानिंग के पूर्व निदेशक प्रदीप कृष्णात्रे, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के पूर्व विभागायध्यक्ष और पब्लिक रिलेशन सोसायटी भोपाल के चेयरमैन पुष्पेंद्र पाल सिंह, पीआरएसआई के नेशनल काउंसिल मेंबर मनोज द्विवेदी और सचिव डॉ. संजीव गुप्ता ने मिलकर जुलाई के अंतिम सप्ताह में मास्क के उपयोग को लेकर सर्वे किया।
देश के सात राज्यों में किया गया यह अध्ययन
यह अध्ययन देश के सात राज्यों में किया गया। मध्य प्रदेश के 70 विभिन्न शहरों और कस्बों में 1000 से अधिक लोगों ने ऑनलाइन प्रश्नावली भरकर इस अध्ययन में हिस्सा लिया, इनमें से 90 फीसदी लोग 18 से 25 वर्ष की आयु के थे और अविवाहित हैं। इनमें से 87 प्रतिशत लड़कियां थी। इनमें 67 प्रतिशत स्नातक, 22 प्रतिशत परास्नातक और पीएचडी भी थे। इनमें 11 प्रतिशत ऐसे लोग शामिल किए गए थे जिन्होंने हायर सेकेंडरी या उससे कम की शिक्षा अर्जित की है।
राज्य के 29 फीसदी युवा मास्क का नहीं करते उपयोग
सर्वे में एक बात सामने निकल कर आई है, राज्य के 29 फीसदी युवा मास्क का उपयोग नहीं करते हैं और अगर करते भी है तो कभी कभार। जो युवा मास्क का उपयोग करते हैं, उनमें 54 प्रतिशत युवाओं ने कोरोना संक्रमण से स्वयं को बचाने के लिए, आठ प्रतिशत ने दूसरों को बचाने के लिए मास्क का उपयोग किया। 30 प्रतिशत मानते हैं कि बाद में संक्रमण हो, इससे अच्छा है कि मास्क पहनकर सुरक्षित रह जाए, कुछ लोग स्वयं एवं दूसरों को बचाने के लिए मास्क पहनते है।
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