Holi 2020 : सही विधि से करें होलिका दहन, घर आएगी सुख-समृद्धि
होली तो असल में होलिका दहन का उत्सव है जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रुप में मनाया जाता है
होली, इस त्यौहार का नाम सुनते ही अनेक रंग हमारी आंखों के सामने फैलने लगते हैं। हम खुदको भी विभिन्न रंगों में पुता हुआ महसूस करते हैं। लेकिन इस रंगीली होली को तो असल में धुलंडी कहा जाता है। होली तो असल में होलिका दहन का उत्सव है जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रुप में मनाया जाता है।
यह त्यौहार भगवान के प्रति हमारी आस्था को मजबूत बनाने व हमें आध्यात्मिकता की और उन्मुख होने की प्रेरणा देता है। क्योंकि इसी दिन भगवान ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की और उसे मारने के लिये छल का सहारा लेने वाली होलिका खुद जल बैठी। तभी से हर साल फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है।
होलिका दहन की पूजा विधि-
होलिका दहन शुरू हो जाने पर वहां जाएं, अग्नि को प्रणाम करें, भूमि पर जल डालें।
इसके बाद अग्नि में गेंहू की बालियां, गोबर के उपले, और काले तिल के दाने डालें।
अग्नि की परिक्रमा कम से कम तीन बार करें।
इसके बाद अग्नि को प्रणाम करके अपनी मनोकामनाएं कहें।
होलिका की अग्नि की राख से स्वयं का और घर के लोगों का तिलक करें।
मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इस बार होलिका की अग्नि में क्या अर्पित करें-
अच्छे स्वास्थ्य के लिए काले तिल के दाने अग्नि में अर्पित करें।
बीमारी से मुक्ति के लिए हरी इलाइची और कपूर अर्पित करें।
धन लाभ के लिए चन्दन की लकड़ी अर्पित करें।
रोजगार के लिए पीली सरसों के दाने अर्पित करें।
विवाह और वैवाहिक समस्याओं के लिए हवन सामग्री अर्पित करें।
नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति के लिए काली सरसों के दाने अर्पित करें।
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