कोरोना महामारी से दुनिया अभी संभल भी नहीं पायी है कि चक्रवाती तूफान (Cyclonic storm) के कहर ने एक अलग मुसीबत खड़ी कर दी है। इंडोनेशिया के पूर्वी नुसा तेंगारा प्रांत में चक्रवाती तूफान सेरोजा से आई बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 167 हो गई है और अभी भी 45 लोग लापता हैं। मिली जानकारी के अनुसार, एजेंसी के प्रमुख डोनी मोनाडरे ने कहा, पूर्वी नुसा तेंगारा प्रांत में 165 लोगों की मौत हुई है, जबकि दो अन्य पश्चिम नुसा तेंगारा के हैं।
चक्रवाती तूफान में 165 लोगों की मौत
मोनाडरे ने शुक्रवार देर रात एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, इसके अलावा 45 लोग अभी भी लापता है, आठ गंभीर रूप से घायल हैं, जबकि 148 को थोड़ी-बहुत चोटें आई हैं। उन्होंने कहा कि इस हादसे में 17,834 लोग विस्थापित हुए हैं, 160 सार्वजनिक सुविधाएं प्रभावित हुई हैं और तीन गांव अभी भी डूबा हुआ है।
प्रकृति के इस कहर से पूर्वी नुसा तेंगारा में 2,786 घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, 213 घरों को इससे कम नुकसान पहुंचा है और 6,185 घरों को हल्का नुकसान पहुंचा है, जबकि पश्चिम नुसा तेंगारा में 380 घरों को काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं, 2,176 घरों का नुकसान हुआ और 2,777 हल्के क्षतिग्रस्त हुए हैं।
साल 2008 से इंडोनेशिया में सेरोजा 10वां चक्रवात तूफान है
मोनाडरे ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रभावित क्षेत्रों में आर्थोपेडिस्ट और एनेस्थेटिस्ट सहित कई चिकित्सा कर्मियों को भेजा है। साल 2008 से इंडोनेशिया में सेरोजा 10वां चक्रवात तूफान है, लेकिन इस बार भूस्खलन के कारण इसका सबसे बुरा असर देखने को मिला है। फिलहाल चक्रवात तूफान सेरोजा इंडोनेशिया से भले ही दूर चला गया है, लेकिन इसका असर अगले कुछ दिनों तक देश के दक्षिणी भाग में कई प्रांतों में महसूस किया जाएगा।
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