राष्ट्रपति पद के लिए छत्तीसगढ़ में 100 फीसदी मतदान
देश के 14वें राष्ट्रपति पद के लिए छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) विधानसभा में सोमवार को शांतिपूर्ण माहौल में शत-प्रतिशत मतदान हुआ। मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष सहित सभी विधायकों और सांसदों ने वोट डाला।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से सबसे पहले पीडब्लूडी मंत्री राजेश मूणत और कांग्रेस की ओर से मनोज मंडावी ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। सबसे अंत में दोपहर लगभग 3.15 बजे मरवाही के विधायक अमित जोगी ने मतदान किया। उसके बाद मतपेटी को सील कर दिया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने संख्याबल के आधार पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को अग्रिम शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “हमने सभी विधायकों से मतदान में भागीदार बनने का आग्रह किया था, यह देश के लिए सबसे बड़ा अवसर है।”
राष्ट्रपति चुनाव में राजग के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद हैं और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की ओर से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार उम्मीदवार हैं। मीरा के साथ संख्याबल नहीं है, इसलिए उन्होंने अंतरआत्मा की आवाज पर मतदान की अपील कर चुकी हैं।
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भाजपा ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह व कांग्रेस ने नेताप्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव को चुनाव अधिकारी बनाया। पंचायत मंत्री अजय चंद्रकार पर्यवेक्षक बनाए गए। प्रदेश में 90 विधायक हैं। भाजपा के 50 और कांग्रेस के सभी 36 सहित अन्य 4 विधायकों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
मतदान में छत्तीसगढ़ के नेताप्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव व मंत्री अजय चंद्राकर को बूथ प्रतिनिधि बनाया गया था। वहीं, मतदान के दौरान निर्दलीय विधायक डॉ. विमल चोपड़ा को उनके कपड़ों में किसानों के समर्थन व सरकार के विरोध में एक नारा लिखा होने के कारण बूथ से वापस भेज दिया गया। बाद में जब वह कपड़े बदलकर आए, तब उन्हें मतदान करने दिया गया।
अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद कांग्रेस की विधायक रेणु जोगी ने कहा, “मैं कांग्रेस की सिपाही हूं, इसलिए मीरा कुमार को मैंने वोट दिया है। सही मायने में संविधान और लोकतंत्र की रक्षा मीरा ही कर सकती हैं। आरएसएस को तो सिर्फ अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने से मतलब है।”
छत्तीसगढ़ विधानसभा में मतदान के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के कक्ष में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें 1 अगस्त से शुरू हो रहे मानसून सत्र की रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया गया।
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