Black Hole में जाने से होता है क्या, जानकार हैरान रह जाएंगे आप…
Black Hole: वैसे तो पूरा स्पेस ही रहस्यों से भरा पड़ा है, लेकिन ब्लैक होल की बात अलग है. दूर-दराज के ग्रहों पर जाने और वहां इंसानी बस्ती तक बनाने की सोच सकने वाले एक्सपर्ट ब्लैक होल के बारे में लगभग कुछ नहीं जानते. सिवाय इसके कि यहां इतनी ग्रेविटी होती है, जो सबकुछ, यहां तक कि रोशनी को भी अपने अंदर कैद कर लेती है.
ब्लैक होल में जाने के बाद गुरुत्वाकर्षण शरीर को चारों तरफ से खींचने लगता है, जब तक कि उसके लाखों टुकड़े न हो जाएं. इस प्रोसेस को स्पेगेटिफिकेशन कहते हैं. हालांकि यहीं पर सबकुछ खत्म नहीं होगा. ब्लैक होल अगर भीतर निगलकर टुकड़े करेगा तो वाइट होल आपको वापस बाहर भी फेंक सकता है.
ब्लैक होल में जाने से क्या होता है?
ब्लैक होल में जाने वाली कोई भी चीज, यहां तक कि पृथ्वी भी अपने आकार में नहीं रह सकती. ब्लैक होल की तरफ जाने से काफी पहले ही हमपर उसका असर शुरू हो जाएगा. ये अंतरिक्ष की वो चीज है, जिससे रोशनी या इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगें भी बाहर नहीं आ सकती हैं.
ब्रह्मांड में ब्लैक होल क्या है?
ब्लैक होल अंतरिक्ष में ऐसे क्षेत्र हैं जहां भारी मात्रा में द्रव्यमान एक छोटी मात्रा में पैक होता है. इससे इतना अधिक गुरुत्वाकर्षण का खिंचाव होता है कि प्रकाश भी बाहर नहीं निकल पाता. इनका निर्माण तब होता है जब विशाल तारे ढहते हैं और शायद अन्य तरीकों से जो अभी भी अज्ञात हैं.
ब्लैक होल का क्या है सिद्धांत ?
ब्लैक होल स्पेसटाइम का एक ऐसा क्षेत्र है जहां गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत होता है कि कोई भी कण या यहां तक कि विद्युत चुम्बकीय विकिरण जैसे प्रकाश- इससे बच नहीं सकता है. सामान्य सापेक्षता का सिद्धांत भविष्यवाणी करता है कि पर्याप्त रूप से कॉम्पैक्ट द्रव्यमान ब्लैक होल बनाने के लिए स्पेसटाइम को विकृत कर सकता है.
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कितना बड़ा हो सकता है एक ब्लैक होल ?
हाल ही में यूके के खगोलविदों ने एक बहुत ही विशाल आकार का सुपरमासिव ब्लैक होल खोजा है, जिसका भार हमारे सूर्य से 33 अरब गुना ज्यादा बड़ा है. इसे ब्रह्माण्ड के सबसे बड़े सुपरमासिव ब्लैक होल में एक माना जा रहा है.
written by – Harsh Srivastava