वाराणसी: सिर्फ चंद दिनों का मेहमान साल 2024 रह गया है. तमाम उथल-पुथल के साथ इस वर्ष को कई संगीन घटनाओं के लिए भी जाना जाएगा. वाराणसी में इस वर्ष कभी पुलिस तो कभी अपराधी एक दूसरे पर भारी पड़े. मानें तो सबसे चर्चित मामला भेलूपुर थाना क्षेत्र के एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्याओं का रहा. गुजरते साल के आखिरी पड़ाव पर बच्ची के साथ हैवानियत ने सभी को दहला दिया.
अन्य मामलों की बात करें तो इनके खुलासे में पुलिस को काफी पसीना बहाना पड़ा. कुछ घटनाओं के खुलासे का अभी भी इंतजार है. कई मामले चौंकाने वाले तो कुछ दिल को छू लेने वाले भी रहे. तो आइये आपराधिक घटनाओं के झरोखे से जानते हैं कि कैसा रहा साल 2024.
गोलीबारी, हत्या, लूट का रहा बोलबाला
– भेलूपुर थाना क्षेत्र में कैंट स्टेशन से सोना लेकर आ रहे पिता – पुत्र को गोली मार कर बेखौफ कार सवार ने सोना लूट कर भाग गए. मामले के खुलासे का इंतजार है.
– रामनगर थाना अंतर्गत 8 साल की बच्ची का निर्मम हत्या करके उसे बोर में भरकर फेंक दिया गया. हालांकि इस घटनाक्रम में हत्या करने वाला व्यक्ति मुठभेड़ में पकड़ा गया, जिसे पुलिस ने जेल भेज दिया.
– भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी और रोहनिया इलाके में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या केवल बनारस ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना. शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता और उसके परिवार की हत्या और विवेचना की जानकारी स्वयं मुख्यमंत्री योगी ने भी ली थी. इस हत्या का शक राजेंद्र के भतीजे विक्की गुप्ता पर है. पुलिस की कई टीमें उसके सर्च के लिए बनारस से बंगाल और फिर अन्य स्थानों तक पहुंची, लेकिन पुलिस के हाथ अभी तक कोई ठोस सुराग और आरोपी भी नहीं लग सका.
लक्सा थाना क्षेत्र में व्यापारी दावर बेग की हत्या कर शव को आरोपियों ने शहर के कई हिस्सों में टुकड़े कर फेंक दिया था. इस मामले में एक आरोपी ने भेलूपुर के मस्जिद में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. वहीं दूसरे आरोपी को पुलिस ने उसके मुगलसराय थाना क्षेत्र के कटेसर स्थित गोदाम से दबोच लिया था.
पुलिस-अपराधी गठजोड़
– सारनाथ थाना क्षेत्र के रुद्रा अपार्टमेंट में जुआ प्रकरण भी काफी चर्चा में रहा. यह घटना घटित होने के काफी समय बाद चर्चा में आई. इस मामले में आरोपी ने बड़ी होशियारी से स्वयं को सीएम का ओएसडी बताया था और उसमें उसका साथ तत्कालीन थाना प्रभारी परमहंस गुप्ता ने दिया था. मामला सामने आने के बाद पुलिस कमिश्नर ने थाना प्रभारी को सस्पेंड कर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. वहीं मुख्य आरोपी को पुलिस ने महाराष्ट्र से गिरफ़्तार किया.
इसी तरह रामनगर में सराफा व्यापारी के कर्मचारियों से 42.50 लाख रुपये की लूट में पुलिस-अपराधी गठजोड़ सामने आया. इस प्रकरण में नदेसर पुलिस चौकी प्रभारी की संलिप्तता उजागर हुई थी. मुख्य आरोपी नदेसर चौकी प्रभारी सूर्य प्रकाश पांडेय ने गैंग बनाकर वारदात को अंजाम दिया था. वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने आरोपी दरोगा और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर उनके पास से लूट के 42 लाख 50 हजार रुपए में से 8 लाख रुपए के साथ दो पिस्टल और जिंदा कारतूस बरामद किए.
साइबर क्राइम का पारा चढ़ा, डिजिटल अरेस्ट से ठगी
मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के एक स्कूल से रिटायर्ड शिक्षिका को डिजिटल अरेस्ट करके पैसा हड़पने का मामला काफी प्रकाश में रहा. महिला को डिजिटल अरेस्ट करके 3.55 करोड़ की ठगी हुई थी. इस मामले में वाराणसी की साइबर क्राइम टीम ने आरोपी पवन सिंह (जयपुर निवासी) को कैंट स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया. पवन के खाते में ठगी के 55 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए थे, जिनमें से उसने कुछ राशि अपने पास रखी और बाकी अन्य खाते में भेज दी. इसी तरह साइबर क्राइम के अन्य मामले भी सामने आए. कई मामलों के चौंकाने वाले खुलासे भी हुए.
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नाबालिग संग दरिंदगी
काशी के एक क्षेत्र में 13 साल की बच्ची से दरिंदगी का आरोपी उसका पड़ोसी मुंहबोला भाई ही निकला. आरोपी ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बच्ची के शरीर पर चोट के 8 निशान मिले थे. आरोपी ने पोल खुलने के डर से उसकी हत्या कर पानी की टंकी में फेंक दिया था.
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रिश्तों को किया शर्मसार
राजातालाब क्षेत्र में रिश्तों को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया, जहां दो पुत्रों ने मिलकर अपने ही पिता की हत्या कर दी. घटना ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया. पुलिस ने मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. लंका थाना अंतर्गत कमिश्नरेट पुलिस ने शादी का झांसा देकर लोगों से ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की थी. पुलिस ने इनके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, और आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया गया था. गिरोह अविवाहित और अनुभवहीन व्यक्तियों को निशाना बनाता था. पुलिस ने गिरोह से जुड़े 6 आरोपितों को गिरफ्तार किया.