जानिए WFI अध्यक्ष पर लगे यौन उत्पीड़न आरोप के मामले की अहम बातें, सरकार को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं

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भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रिज भूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बबीता फोगाट जैसी देश की दिग्गज महिला पहलवानों ने ब्रिज भूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न और परेशान करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं, इसी को लेकर पिछले 2 दिनों से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया जा रहा है. विरोध करने वाले पहलवानों ने #MeToo के आरोपों के मद्देनजर कुश्ती अध्यक्ष के इस्तीफे और तुरंत बर्खास्तगी की मांग की है. इसके साथ ही पहलवानों की फेडरेशन के कई नियमों में बदलाव की भी मांग है.

 

Brij Bhushan Sharan Singh Wrestlers Protest

 

वहीं, सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि ब्रिज भूषण शरण सिंह को कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद से बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है. वे चुनी हुई संस्था के अध्यक्ष हैं. सरकार ने कहा कि अगर खिलाड़ी सहमत हों तो जांच रिपोर्ट आने तक ब्रिज भूषण शरण सिंह खुद को कुश्ती संघ से अलग कर सकते हैं. सरकार ने खिलाड़ियों से कहा कि यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए 3 सदस्यीय समिति बनाई जा सकती है और इसके तीनों सदस्यों के नाम खिलाड़ी ही दे सकते हैं. जिन कोच के ऊपर आरोप हैं, वे भी जांच पूरी होने तक कुश्ती संघ से अलग हो सकते हैं.

 

Brij Bhushan Sharan Singh Wrestlers Protest

 

सूत्रों के अनुसार, यौन उत्पीड़न के आरोपों पर खिलाड़ी कुछ ठोस नहीं बता पाए. खिलाड़ियों ने गुरुवार की रात कहा था कि सरकार के प्रस्तावों पर वे आज (शुक्रवार) बात करने के लिए वापस आएंगे लेकिन अभी तक नहीं आए. ब्रिज भूषण शरण सिंह की माने तो 22 जनवरी को उन्होंने एक बैठक बुलाई है, उसमें जो फैसला होगा उसके बाद कुछ होगा.

 

Brij Bhushan Sharan Singh Wrestlers Protest

 

वहीं, शुक्रवार को ब्रिज भूषण शरण सिंह ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए यूपी के गोंडा में हुई प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वह इस्तीफा नहीं देने जा रहे हैं. उन्होंने कहा ‘मैं बोलूंगा तो सुनामी आ जाएगी. मैं किसी की दया पर यहां नहीं बैठा हूं, मैं जनता के द्वारा चुना गया अध्यक्ष हूं.’ इस मामले पर अनुराग ठाकुर ने ब्रिज भूषण शरण सिंह को फोन में आगाह किया था कि वो मीडिया के सामने कोई भी बयान ना दें, क्योंकि इससे पहलवानों के साथ स्थिति और जटिल हो जाएगी.

 

Brij Bhushan Sharan Singh Wrestlers Protest

 

इसके बाद 20 जनवरी की सुबह एक बार फिर पहलवान जंतर मंतर पर इकट्ठा हुए हैं. इन पहलवानों की मांग है कि कुश्ती महासंघ को भंग किया जाए. धरने पर बैठे पहलवानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी वो धरने से नहीं हटेंगे. अनुराग ठाकुर ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से शुक्रवार को फिर से मिलने की बात कही हैं.

इससे पहले बीते 19 जनवरी की दोपहर को खेल मंत्रालय के बुलावे पर मंत्रालय के अधिकारियों और पहलवानों के बीच हुई बैठक का कोई संतोषजनक निर्णय सामने नहीं आया था. इसके बाद धरने पर बैठे पहलवानों को देर रात खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बातचीत के लिए बुलाया था. अनुराग के बुलावे पर पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और रवि दहिया उनके आवास पर पहुंचे थे. पहलवानों से मुलाकात के बाद अनुराग ठाकुर ने चंडीगढ में मीडिया से बातचीत में कहा कि खिलाड़ियों ने फेडरेशन पर जो आरोप लगाए हैं, वो अत्यंत गंभीर है. खेल मंत्रालय की तरफ से रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर 72 घंटे के अंदर जवाब देने का आदेश दिया गया है.

 

Brij Bhushan Sharan Singh Wrestlers Protest

 

दरअसल, बैठक से पहले पहलवानों ने भारतीय ओलंपिक संस्था की प्रमुख पीटी उषा को पत्र लिखकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. पहलवानों ने पीटी उषा को लिखे अपने पत्र में कहा था कि वे (ब्रिज भूषण शरण सिंह) अपने जीवन के लिए डरते हैं. टोक्यो में ओलंपिक पदक से चूकने के बाद विनेश फोगाट को भारतीय कुश्ती महासंघ अध्यक्ष के द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित और परेशान किया गया था. प्रताड़ना से आहत होकर विनेश ने लगभग आत्महत्या के बारे में सोचा था.

 

Brij Bhushan Sharan Singh Wrestlers Protest

 

बीते गुरुवार की दोपहर मीडिया से बात करते हुए विनेश फोगाट ने कहा था कि दुर्भाग्य से हमें संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली. कल हमारे बीच 1-2 पीड़ित थे, लेकिन अब हमारे पास 5-6 पहलवान हैं, जिनका यौन उत्पीड़न किया गया. अभी हम उनका नाम नहीं ले सकते, आखिर वे किसी की बेटियां और बहनें हैं. लेकिन अगर हमें उनकी पहचान का खुलासा करने के लिए मजबूर किया जाता है तो यह एक काला दिन होगा. इसके बाद पीड़ितों की पहचान भारतीय ओलंपिक संघ समिति के समक्ष प्रकट करने पर सहमत हो गई थी.

 

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वहीं, बुधवार को केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया था कि अगर डब्ल्यूएफआई अगले 3 दिनों में जवाब नहीं देता है तो खेल मंत्रालय ‘राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011’ के प्रावधानों के तहत महासंघ के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा.

 

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