सऊदी अरब : 28 साल के संघर्ष ने महिलाओं को दिलाई जीत

0

सऊदी अरब में आज यानी रविवार का दिन महिलाओं के लिए ऐतिहासिक है। हमेशा यात्री सीट पर बैठने वाली महिलाओं को अब सड़को पर खुद गाड़ी चलाने की आजादी मिल गई है। इसी के साथ अरब महिलाओं के गाड़ी चलाने पर लगे प्रतिबंध को हटाने वाला दुनिया का अंतिम देश बन गया है। इस आजादी के बाद महिलाओं के चेहरे पर एक नई खुशी देखने को मिली।

महिलाओं ने मनाया जश्न

राजधानी जेद्दा में आधी रात से ही महिलाएं सड़कों पर जश्न मनाती नजर आईं। सड़कों पर कई महिलाएं हाथों में स्टियरिंग थामें नजर आईं। वहां मौजूद लोग उनको इस नई आजादी की बधाई दे रहे थे।

28 साल चला संघर्ष

बता दें कि सऊदी अरब की महिलाओं को यह अधिकार ऐसे ही नहीं मिला। इसके लिए उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ा। अभी तक दुनिया में सिर्फ सऊदी अरब में ही महिलाओं के गाड़ी चलाने पर प्रतिबंध था। कहीं जाने के लिए पुरुष रिश्तेदार, टैक्सी ड्राइवर या अन्य किसी सहायता की जरूरत होती थी। लेकिन अब से वह खुद ड्राइव करके कहीं भी जा सकेंगी।

28 साल के लंबे संघर्ष के बाद आज अरब में महिलाएं भी वाहन चला सकेंगी। 47 महिलाओं ने 1990 में नियम तोड़ते हुए शहर में वाहन चलाए थे। सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था। सर्वोच्च धार्मिक संस्था ने अध्यादेश लाकर प्रतिबंध को सख्त किया जेल तक जाना पड़ा।

ड्राइविंग का वीडियो यूट्यूब पर अपलोड करने पर जाना पड़ा था जेल

महिला सामाजिक कार्यकर्ता मानल अल शरीफ को ड्राइविंग का वीडियो यूट्यूब पर अपलोड करने की वजह से जेल जाना पड़ा था। वर्तमान में वह ऑस्ट्रेलिया में रह रही हैं। इसी तरह 2014 में लॉउजैन अल-हथलौल ने यूएई से सऊदी अरब तक ड्राइव करने की कोशिश की, जिसकी वजह से उन्हें 73 दिन तक जेल में रहना पड़ा। 70 साल की कार्यकर्ता अजीजा-अल यूसुफ को भी जेल जाना पड़ा था।

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने हटाया प्रतिबंध

सऊदी अरब ने सितंबर 2017 में महिलाओं के गाड़ी चलाने पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था। यह फैसला क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 कार्यक्रम का हिस्सा है, ताकि अर्थव्यवस्था को तेल से अलग कर सऊदी समाज को खोला जा सके।

सऊदी अरब में महिलाओं कि स्थिति

सऊदी अरब में महिलाओं के स्थिती बहुत खराब है। महिलाओं के प्रति होने वाली घरेलू हिंसा और यौन शोषण को रोकने के लिए वहां कोई कानून नहीं है। एक रिपोर्ट के अनुसार, यहां के 53 फीसद पुरुषों ने माना था कि उन्होंने घरेलू हिंसा की है। वहीं, 32 फीसद ने यह भी माना कि उन्होंने अपनी पत्नी को बुरी तरह चोट पहुंचाया।

Also Read : Man Ki Baat : इन मुद्दों पर बात कर सकते हैं पीएम मोदी

सऊदी में महिलाएं अकेले प्रॉपर्टी भी नहीं खरीद सकतीं। यहां एक महिला के तौर पर प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने के लिए दो पुरुष गवाह जरूरी हैं। यहां महिलाएं विदेश यात्रा नहीं कर सकतीं। पसंदीदा रहने की जगह नहीं चुन सकतीं। पासपोर्ट या फिर नेशनल आईडी कार्ड के लिए अप्लाई नहीं कर सकतीं।

महिलाओं को कानूनी तौर पर बराबरी हासिल नहीं है

सऊदी अरब में पुरुषों की तरह महिलाओं को कानूनी तौर पर बराबरी हासिल नहीं है। ऐसे कई काम जिन्हें पुरुष कर सकते हैं, लेकिन महिलाओं के लिए वो काम प्रतिबंधित हैं। पुरुष गवाह के बिना महिलाओं की पहचान की पुष्टि नहीं हो सकती। इसके साथ ही उन दो पुरुषों की विश्वसनीयता की पुष्टि करने के लिए चार और पुरुष गवाहों की जरूरत होती है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More