महिलाओं को मुफ्त बस-मेट्रो सेवा देने के लिए केंद्र की मंजूरी जरूरी नहीं
सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं को मुफ्त बस और मेट्रो सुविधा मुहैया कराने का फैसला किया। दिल्ली सरकार जल्द से जल्द लागू करना चाहती हैं। वहीं कई लोग योजना की सफलता को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि मेट्रो ट्रेन किराये पर अंतिम फैसला केंद्र सरकार को लेना होता है। महिलाओं को मुफ्त मेट्रो सेवा सुविधा दिल्ली सरकार की सब्सिडी योजना है। लिहाजा इसे लागू करने के लिए केंद्र की मंजूरी की दरकार नहीं होगी।
एक चैनल से बातचीत में कैलाश गहलोत ने कहा कि केजरीवाल सरकार इस दिशा में लगातार कोशिश कर रही है। अब लोगों को इन कोशिशों का असर दिखाई देने लगेगा। जून से नई बसें डीटीसी के बेड़े में शामिल की जाएंगी। स्टैंडर्ड की बसों से शुरुआत कर लो फ्लोर और इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया जाएगा।
डीटीसी भी एक हजार लो फ्लोर बसें खरीद रहा है। मुख्यमंत्री केजरीवाल बता चुकें हैं कि जल्द ही डीटीसी के बेड़े में 3,000 बसें हो जाएंगी। जल्द ही दिल्ली विधानसभा में एक हजार नई बसों के लिए कैबिनेट नोट पेश करेंगे।
कैलाश गहलोत ने बताया कि डीटीसी और क्लस्टर बसों की तादाद में तेजी से वृद्धि हो रही है। हमें पूरा भरोसा है कि हम बढ़ने वाले यात्रियों को सुविधा देने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि इस छूट से मेट्रो में भीड़ नहीं बढ़ेगी। मुझे लगता है कि दिल्ली सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए सही फैसला किया है।
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