राहुल गांधी के बदले तेवर से मुश्किल में भाजपा !
राहुल के बदले तेवरों और अंदाज से भारतीय जनता पार्टी सकते में हैं। इन दिनों जितनी शिद्दत राहुल गुजरात चुनाव में दिखा रहें हैं। इससे भाजपा सकते में जरुर आ गयी हैं। आपको बता दें कि राहुल गुजरात में एक के बाद एक अभियान चला रहे हैं। राहुल में आये इस बदलाव से भाजपा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रहीं हैं।
प्रदेश में जोर-शोर से चुनाव अभियान शुरू कर दिया है
आपको बता दें कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उन्होंने अपने ‘मिशन गुजरात’ अभियान की शुरुआत कर दी है। इसके तहत राहुल राज्य में जनसंपर्क अभियान कर रहे हैं। कांग्रेस ने राहुल के इस अभियान को ‘नव सर्जन यात्रा’ नाम दिया है, जिसका मकसद आने वाले दिनों में गुजरात में नई शुरुआत करना है। गुजरात में राज्यसभा में मिली जीत से उत्साहित कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में जोर-शोर से चुनाव अभियान शुरू कर दिया है।
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3-3 दिन के 4 चरण में जनसंपर्क कर रहे हैं
जहां एक ओर राहुल जनसंपर्क अभियान के जरिये आमलोगों तक पहुंच बना रहे हैं, वहीं कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी और अमित शाह के गुजरात में उनके ही अंदाज में हमलावर प्रचार शुरू कर दिया है, जिससे भारतीय जनता पार्टी के पसीने छूट रहे हैं। यहां भाजपा इन हमलों को लेकर बैकफुट पर जाती दिख रही है। राहुल गुजरात में 12 दिन के जनसंपर्क अभियान पर हैं, जिनमें वह 3-3 दिन के 4 चरण में जनसंपर्क कर रहे हैं।
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गुजरात के सौराष्ट्र इलाके को कवर किया
पहला चरण बुधवार को संपन्न हुआ, जिसमें उन्होंने गुजरात के सौराष्ट्र इलाके को कवर किया। अगले चरणों में वह उत्तर गुजरात, मध्य गुजरात और दक्षिण गुजरात जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, अगला चरण नवरात्र और दशहरा के बाद 4 अक्टूबर से शुरू होगा, जबकि उसके बाद तीसरा चरण 9-11 अक्टूबर और चौथा चरण 14-16 अक्टूबर का बताया जा रहा है। हालांकि, इनमें एकाध दिन आगे-पीछे हो सकते हैं। गुजरात कांग्रेस के लिए कितना अहम हो गया है, इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां पिछले 20 वर्षों में कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता लगातार दो दिन गुजरात में नहीं रहा, वहीं राहुल गुजरात में 3-3 दिन के दौरे कर रहे हैं।
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परिधानों को पहनने से भी गुरेज नहीं किया…
विदेश यात्रा से लौटे राहुल के अंदाज और तेवर काफी बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। जहां एक ओर उन्होंने द्वारका के प्रसिद्ध मंदिर से अपने अभियान की शुरुआत कर लोगों को यह संकेत देने की कोशिश की कि कांग्रेस हिंदू विरोधी पार्टी नहीं है। वहीं, नवरात्र के दौरान वह तीसरे दिन एक सांस में लगभग 600 सीढ़ियां चढ़कर सुरेंद्रनगर स्थित देवी चामुंडा के चोटिला मंदिर पहुंचे, उसने भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। अपने संपर्क और सभाओं के दौरान गुजरात की जनता से मुखातिब होते हुए जहां उन्होंने गुजराती में ‘केम छो’ कहकर लोगों से जुड़ने की कोशिश की। वहीं, दूसरी ओर इस दौरान उन्होंने कुछ समुदायों से मिलते समय उनके परिधानों को पहनने से भी गुरेज नहीं किया।
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राहुल की बेबाकी लोगों को रास आ रही है
चाहे पाटीदार सभा के लोगों से मिलते समय पाटीदार समुदाय का साफा हो या फिर राजकोट में पहनी गुजराती जैकेट और पगड़ी। इन सब परिधानों में सामने आकर राहुल आम लोगों से जुड़ने की पूरी कोशिश करते दिखे। राहुल का यह अंदाज कहीं न कहीं उनकी दादी इंदिरा गांधी से मिलता दिखा, जहां वह बेहिचक लोगों के बीच जाकर उनके जैसे पहनावे में आने से परहेज नहीं करती थीं।विदेशी धरती पर राहुल ने वंशवाद से लेकर कांग्रेस की हार और कांग्रेस के अहम को लेकर जो बातें बेलाग और दो टूक कहीं थी, उसका जिक्र राहुल गुजरात में भी करते दिखे। उनकी बेबाकी लोगों को रास आ रही है।
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