…जब ‘आप पार्टी’ के इस नन्हे मेहमान का हुआ विधानसभा में स्वागत
दिल्ली विधानसभा के विंटर सेशन में इस बार ऐसे मेहमान का स्वागत हो रहा है, जिसकी उम्र सिर्फ़ दो माह है। ये मेहमान हैं अद्वैत अभिनव राय। वह अकसर मां की गोद में या सहयोगी विधायकों की गोद में आराम से सोते हुए दिखते हैं। जब उनकी मां कुछ जरूरी काम से विधायिका में दौड़-भाग करती हैं तब अद्वैत किसी न किसी विधायक की गोद में आराम फरमाते हैं।
माता-पिता को आंदोलन के दौरान हुआ प्यार
अद्वैत दिल्ली के रोहतास नगर सीट से चुनी गईं आम आदमी पार्टी विधायक सरिता सिंह के बेटे हैं। उनके पिता आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता और एंटी करप्शन मूवमेंट के एक्टिविस्ट अभिनव राय हैं। आम आदमी पार्टी, जब सत्ता में आने को संघर्ष कर रही थी, तभी सरिता और अभिनव को प्यार हुआ और अप्रैल 2016 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए। अद्वैत 8 नवंबर 2017 को जन्मे।
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अपनी मां के साथ वह भी दिल्ली विधानसभा की हर गतिविधियों में मौजूद रहते हैं। मसलन पब्लिक मीटिंग, उद्घाटन या मीटिंग्स। वह हर जगह नज़र आते हैं। मंगलवार को सरिता जब दिल्ली म्युनिसिपल बॉडीज़ की ओर से सीलबंद दुकानों के मालिकों की चिट्ठियां पढ़ रहीं थीं, तब अद्वैत मां की गोद में आराम फरमा रहे थे। भले ही विधानसभा में हंगामा हो रहा था।
बच्चा जो ‘समझता है’ मां की मुश्किलें
अद्वैत की पहचान दिल्ली असेंबली में ऐसे बच्चे की है, जो जरा भी तंग नहीं करता, जैसे उसे पता हो कि मां बहुत व्यस्त रहती हैं। वैसे तो हर विधायक असेंबली में बिजी रहता है, पर अद्वैत के लिए सबके पास समय होता है। अद्वैत अभी बहुत छोटे हैं, उन्हें हर दो घंटे में दूध पिलाने के लिए सरिता समय निकालती हैं। वह अद्वैत को घर छोड़ने की जगह असेंबली लाना ही ज्यादा सही समझती हैं। मेहरौली से आप विधायक नरेश यादव कहते हैं कि कोरम को हर हाल में पूरा करना होता है, पर कोई न कोई विधायक अद्वैत के साथ जरूर रहता है। अद्वैत विधायकों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाता है.एमएलए वन्दना कहती हैं, ”यह बच्चा अपनी मां को बिलकुल परेशान नहीं करता। बहुत सपोर्टिव बच्चा है। महिलाओं को घर में और दफ्तर में दोनों जगह महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभानी पड़ती हैं।
दिल्ली विधानसभा में नहीं है शिशुगृह
दिल्ली विधानसभा में कोई शिशुगृह न होने से सरिता को डिप्टी स्पीकर राखी बिडलान के ऑफिस में दूध पिलाने जाना पड़ता है। सरिता कहती हैं कि वैसे तो असेंबली बहुत शांत जगह है पर कभी कभी वह बच्चे को अपनी कार में भी दूध पिला देती हैं।
मातृत्व अवकाश का प्रावधान नहीं
मातृत्व अवकाश के बारे में पूछने पर सरिता कहती हैं कि जो लोग जनसेवा में हों मातृत्व अवकाश उनके लिए नहीं है। हम जनता के प्रति जवाबदेह हैं। हमारे पास जनता की दी हुई जिम्मेदारियां हैं, जिन्हें पूरा करना हमारा कर्तव्य है। मैं अपने जीवन के इस दौर को खूबसूरती से जी रही हूं। दिल्ली विधानसभा में स्तनपान कराने वाली महिला के लिए मातृत्व अवकाश जैसा कोई प्रावधान नहीं है।
घरवाले नहीं चाहते कि अद्वैत असेंबली जाए
सरिता और अभिनव के घर वाले नहीं चाहते कि अद्वैत को उनकी मां असेंबली ले जाएं, पर इन यंग पेरेंट्स का मानना है कि उनका बच्चा जितने लोगों के संपर्क में आएगा उसे उतनी ही दुआएं मिलेंगी। सरिता कहती हैं कि वह अद्वैत को तब तक साथ लाएंगी जब तक उनका अन्नप्राशन नहीं हो जाता। जब बच्चा छह महीने का हो जाता है, तब उसे अन्न खिलाते हैं, जिसे अन्नप्राशन कहते हैं।
ZEENEWS
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