क्या लोकसभा चुनाव तक कायम रह पायेगा INDIA गठबंधन..?

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नई दिल्ली: देश में आगामी होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता में काबिज भाजप को हटाने के लिए बने विपक्षी दलों के एकता दल INDIA गठबंधन को लेकर अब सवाल उठने लगे है. बता दें कि देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी क्षेत्रीय दल अपने पुर जोर से लगे हुए हैं. वैसे देखा जाए तो इन विधानसभा चुनावों में कहीं भी विपक्षी दलों की एकता नजर नहीं आ रही है जबकि जबकि ज्यादातर विपक्षी दल INDIA गठबंधन में शामिल है. गौरतलब है कि विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन में बसपा शामिल नहीं है. मुख्यता जो दल शामिल है उनमें केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड,तृणमूल कांग्रेस, समेत तीन दर्जन के करीब राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियां शामिल है.

क्या यूपी में हुई बयानबाजी बनेगी गठबंधन की एकता में बाधा

पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की कवायद के बीच लोकसभा के होने वाले चुनाव से पूर्व ही प्रदेश में राजनीति बयानबाजी तेज हो गई है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बीच हो रही बयानबाजी से कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में इन दोनों पार्टियों में हुआ गठबंधन टूट सकता है. उधर जिस तरह समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री पार्टी से इस्तीफ़ा देकर कांग्रेस में शामिल हो रहे है उससे कहाँ न कहीं सपा को झटका लगता दिख रहा है.

नितीश ने भी छोड़े तीर 

इन सबके बीच बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने भी INDIA गठबंधन को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह सत्ता में काबिज भाजपा को हटाने के लिए विपक्षी दलों का INDIA गठबंधन बनाया है उससे अब कांग्रेस की रूचि दूर होती जा रही है. इतना नहीं इंडिया गठबंधन की तीन बैठकें भी हो चुकी है और कांग्रेस पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में व्यस्त है.

ममता संग भी किया विरोधियों वाला व्यवहार

आपको बता दें कि INDIA गठबंधन के बनने के बाद से ही कांग्रेस ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता और उनकी पार्टी TMC से विरोधियों वाला व्यवहार किया है. इसके लिए अधीर रंजन का वह बयान सामने है जिसमें बिना इंडिया गठबंधन के सहयोगियों से बात किये हुए राहुल गाँधी ने अडानी को लेकर पत्रकार वार्ता कर दी थी. इसी तरह जब ममता जाति जनगणना को लेकर हामी नहीं भर रही थी तब भी इसे शामिल कर लिया गया.

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भाजपा को दिल्ली में रोकने वाले से भी बनाई दूरी

INDIA गठबंधन के शुरुआत से ही कांग्रेस का रवैया आम आदमी पार्टी के प्रति सही नहीं रहा है. इसमं कोई संदेह नहीं की जिस पार्टी ने भाजपा को दिल्ली में रोकने के लिए दमखम दिखाया हो उसे कैसे कोई नजर अंदाज कर सकता है. कांग्रेस ने जिस तरह से AAP को साइड में लगा दिया है उससे से मालूम होता है की कांग्रेस AAP को तवज्जों देने के मूड में नहीं है.

By – Anurag Sachan

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