क्यों गिरफ्तार नहीं होना चाहिये उन्नाव एसपी पुष्पांजलि को ?
आशीष बागची
अपनी अभिनव कार्यप्रणाली से हमेशा चर्चित रहने वाली उन्नाव की युवा आईपीएस अधिकारी पुष्पांजलि देवी माथुर नाबालिग से गैंग रेप और उसके पिता की न्यायिक हिरासत में मौत को लेकर बुरी तरह घिर गयी हैं। अब तो उनकी गिरफ्तारी तक की मांग सोशल मीडिया में उठने लगी है। इसकी वजह भी साफ है। उनके कार्यकाल में ही उनके जिले में नाबालिग के साथ रेप हुआ, आवाज उठाने पर उसके पिता को न्यायिक हिरासत में इतना पीटा या पिटवाया गया कि शरीर की एक भी हड्डी नहीं बची और आंत फटने से उसकी मौत हो गयी।
आरोपी विधायक की गिरफ्तारी न होने से घिरीं पुष्पांजलि
इस मामले में उन्नाव के ही भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के जुड़े होने और सारे सबूत होने के बावजूद उसकी व उसके गुर्गों की गिरफ्तारी न होने के बाद से ही वह बुरी तरह जाल में फंस गयीं और अब तो विधायक की सीबीआई की ओर से हुई गिरफ्तारी के बाद एसपी की गिरफ्तारी के लिए भी आवाजें स्वाभाविक रूप से उठनी शुरू हो गयी हैं। इसका कारण भी है-एक थाना प्रभारी व चार पुलिस वालों को हिरासत में लेकर सीबीआई पूछताछ कर रही है, क्षेत्रीय सीओ से पूछताछ हागी, फिर एसपी से क्यों नहीं होगी?
गैर-जिम्मेदारी का परिचय
इसमें दो राय नहीं कि इस पूरे प्रकरण में एसपी पुष्पांजलि ने निहायत ही गैर जिम्मेदारी का परिचय दिया है। बेटी के हक में आवाज उठाने के ऐवज में एक बाप की जान सलामत नहीं रख पायीं और परिणाम यह हुआ कि उसे मरने को विवश किया गया। यह एक ऐसा प्रकरण है जो पुष्पांजलि को जीवन भर सालता रहेगा।
बड़ी-बड़ी बातें
जब कुछ माह पहले पुष्पांजलि ने उन्नाव में चार्ज संभाला उस समय घोषणा की कि पीड़ितों की शिकायतों को पहली बार सुनकर उनका निस्तारण किया जाए, इस बात का प्रयास किया जाएगा। “थानाधिकारी, दिवस अधिकारी व रात्रि अधिकारी समय से मौके पर उपलब्ध रहें। पुलिस अधिकारी जनता की समस्याओं को सुनें और उसका गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें। अपराध नियंत्रण के साथ कानून व्यवस्था बनी रहे। यह उनकी प्राथमिकता रहेगी।“
मगर हकीकत यह रही कि वह खुद अपनी किताबी ज्ञान को बरकरार नहीं रख सकीं। चार्ज लेने के बाद अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता पीड़ितों को थाने में ही न्याय दिलाने की रहेगी, जिससे उन्हें अनावश्यक भाग दौड़ न करनी पड़े। क्या वह अपने कथन पर कायम रह सकीं? यह सवाल बार-बार पूछा जा रहा है।
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पुष्पांजलि की यह आदत है कि अपने मधुर स्वभाव का प्रदर्शन करते हुए वह सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। साथ ही वीडियो वायरल करके सड़क किनारे सो रहे गरीबों को कंबल बांटने का प्रदर्शन भी करती रही हैं। इतना ही नहीं ये IPS खुद ही अपने हाथों से उन्हें कंबल ओढ़ाते भी दिखती हैं। यह सब देख जिले के लोगों ने उनकी काफी वाहवाही की थी।
हमेशा चर्चाओं में रहती है ये लेडी IPS
इससे पहले भी कई बार सोशल मीडिया पर ये लेडी ऑफिसर चर्चाओं में रही है। कभी साथी पुलिसवालों को चेतावनी देकर तो कभी हिस्ट्रीशीटर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश देकर तो कभी छात्राओं को मनचलों से निपटने के टिप्स देकर ये IPS हमेशा सुर्खियां बटोर लेती हैं। मगर इस बार वह चूक गयीं और जिंदगी भर के लिए एक बदनुमा दाग ढोने को विवश हो गयीं।
इतनी तेजतर्रार महिला आईपीएस अफसर के उभरते कैरियर में इस तरह दाग लगना अन्यों के लिए एक नसीहत होनी चाहिये। उनके लिए भी जो पुष्पांजलि से पहले उन्नाव एसपी के चार्ज में रहीं यानी नेहा पांडेय के लिए। नाबालिग ने सबसे पहले नेहा पांडेय के ही कार्यकाल में गैंगरेप की शिकायत दर्ज करायी थी। दुख इस बात का है कि दोनों महिला आईपीएस के कार्यकाल में एक नाबालिग गैंगरेप पीडि़ता को न्याय न मिल पाया। परिणाम यह हुआ कि आवाज उठाने के ऐवज में पीडि़ता के पिता की हड्डी पसली तोड़कर जान देनी पड़ गयी। इसे विडंबना नहीं तो और क्या कहेंगे?