क्यों प्रधानमंत्री मोदी अचानक मिस्र की यात्रा पर जा रहे है?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले एक बड़ी खबर सामने आ रही है. प्रधानमंत्री मोदी 21 जून से लेकर 24 जून तक अमेरिका की राजकीय यात्रा से वापस लौटने के बाद मिस्र की यात्रा पर जा सकते हैं. इस समय अचानक से उनकी ये यात्रा काफी चर्चा का विषय बानी हुई है, हालांकि उनकी इस यात्रा को लेकर कोई आधिकारिक सूचना सामने नहीं आई है.

इस यात्रा का महत्व इसलिए भी बड़ जाता है क्योंकि इस साल जनवरी में गणतंत्र दिवस समारोह में मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल-फतह-अल-सीसी प्रमुख अतिथि थे. ऐसे में 5 महीने बाद पीएम मोदी की मिस्र यात्रा को दोनों देशों के रिश्तों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी के मिस्र दौरे के क्या है? मायने…

सूत्रों की माने तो दोनों देशों के अधिकारियों के बीच प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर बातचीत हो रही है. दोनों देश इस यात्रा की तैयारी कर रहे हैं. पीएम मोदी 14 साल बाद ऐसे पहले भारतीय पीएम होंगे, जो मिस्र का दौरा करेंगे. इस साल भारत और मिस्र के कूटनीतिक रिश्तों के 75 वर्ष पूरे हुए हैं. ऐसे में दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच मुलाकात के कई मायने हैं.

गौर करने वाली बात इस साल सितंबर में जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है. भारत ने इसमें मिस्र को ‘मेहमान देश’ के तौर पर भी आमंत्रित किया है. ऐसे में पीएम मोदी की अचानक होने वाली मिस्र यात्रा को दोनों देशों के बीच नजदीकी और रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

किन मुद्दों पर होगा विशेष ध्यान…

कहा जा रहा है कि मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल-फतह-अल-सीसी की जनवरी में भारत यात्रा जून के अंत में पीएम मोदी की प्रस्तावित मिस्र यात्रा का आधार बनी है. मोदी की यात्रा के तारीख, एजेंडा पर दोनों देश तेजी से काम कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि पीएम मोदी 24 जून को अमेरिका की अपनी राजकीय यात्रा के समापन के तुरंत बाद मिस्र की यात्रा पर जाएंगे, इसकी पूरी उम्मीदें हेैं. बता दें कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में रक्षा और सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से हरित हाइड्रोजन में सहयोग पर बातचीत सही दिशा में जा रही है.

दोनों देशों ने पिछले साल रक्षा सहयोग बढ़ाने पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके साथ ही संयुक्त अभ्यास को लेकर भी सहमति बनी है. मिस्र की नजर भारत के रेलू हल्के लड़ाकू विमान हैं. वो 70 लड़ाकू जेट हासिल करने की योजना पर काम कर रहा है. मिस्र ने भारतीय फर्मों के साथ 21 बिलियन डॉलर से ज्यादा के निवेश को लेकर समझौते किए हैं. इसमें हरित हाइड्रोजन का उत्पादन भी महत्वपूर्ण है.

देशों के संबंध होंगे गहरे…

अब्दुल फतह अल-सीसी मिस्र के ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं, जो भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आए थे. दोनों देशों के बीच पिछले कई दशकों से घनिष्ठ संबंध हैं. भारत और मिस्र गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. इसकी स्थापना साल 1961 में हुई थी. राष्ट्पति बनने के बाद सीसी तीन बार भारत की यात्रा पर आ चुके है.

प्रधानमंत्री साल 2020 में मिस्र की यात्रा करने वाले थे पर कोरोना महामारी की वजह से इसे स्थगित करना पड़ा. अरब दुनिया में मिस्र और भारत को बहुत अच्छा मित्र देश माना जाता है. मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति गमाल अब्दुल नासिर और भारत के पीएम जवाहरलाल नेहरू के बीच काफी अच्छी केमस्ट्री थी.

 

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