गंगा में क्यों बनाई जा रही है एक नई नहर?
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गंगा नदी में कुछ असामान्य विकासकार्य हो रहा है। जल प्रवाह की दृष्टि से गंगा भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे बड़ी नदी है.बीत कुछ दिनों से गंगा में एक नई धारा बनाई जा रही है. इसकी जानकारी काफ़ी काम लोगों के पास है. यहाँ तक कि जब हमने गाँव वालों से बात करने की कोशिश की तो किसी के पास कोई भी पुख़्ता जानकारी नहीं थी.
हरिद्वार में हर की पौड़ी और नोर्थ अमेरिका में मिस्सिपी रिवर में भी नई धारा बनाई गई थी. इसे अंग्रेज़ी में हम River Bifurcation कह सकते है. सबके अलग-अलग कारण रहे. गंगा में ऐसा Bifurcation होना कोई आम बात नहीं है, बल्कि ये पहली बार किया जा रहा है. अस्सी घाट से लेकर राजघाट तक 5.3 km तक इस नहर का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन हमारे लिए जानना ये ज़रूरी है कि गंगा में ऐसा क्यूँ किया जा रहा है.
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गंगा का Flowing Pattern
प्रकृति से छेड़-छाड़ का परिणाम हमें झेलना ही पड़ेगा। कुछ ऐसे ही गंगा को भी छेड़ा जा रहा है. आगे बढ़ने से पहले हमें गंगा के Flowing Pattern समझना ज़रूरी है. 2510 km की लम्बाई वाली गंगा मिर्ज़ापुर से बनारस तक सर्पाकार आकर में आती है. चूँकि ये प्राकृतिक धारा है इसी वजह से इसे स्टेबल भी माना जाता है. बनारस में गंगा अर्ध्चंद्राकर आकर में प्रवेश करती है. गंगा का बहाव बहुत तेज़ी से होता है और वेस्ट बैंक की तरफ़ यानी जहां पक्के घाट है उस तरफ़ इनकी Velocity भी बहुत ज़्यादा होती है. नदियों की ये आदत है कि जिस तरफ़ इनकी Velocity ज़्यादा होगी उसके दूसरे तरफ़ बालू जमा हो जाएँगे. साफ है कि गंगा में उस पार आपको रेत-ही-रेत मिलेगी. अगर आसान भाषा में कहें तो जहां से गंगा कर्व होती है उसके दूसरे तरफ़ बाली का जुटाव होता है.