आखिर मुस्लिम देशों में क्यों जलाई जा रही कुरान की प्रतियां ?

Muslim nation burnt quran : इस्लाम धर्म के खिलाफ विश्व भर में विरोध देखने को मिलता रहता है । लेकिन इन दिनों यूरोपीय देशों स्वीडन और डेनमार्क से आ रही कुरान जलाने की घटनाओं से मुस्लिम देश भड़क उठे है । इसको लेकर प्रदर्शन भी किया जा रहा है , इसी बीच मुस्लिम देश बांग्लादेश से भी कुरान की दर्जनों प्रतियां जलाने की घटना सामने आयी है । हालांकि, इस घटना को लेकर हजारों लोग प्रदर्शन कर रहा है। यह बेहद सोचनीय विषय है आखिर मुस्लिम राष्ट्रों में ही कुरान जलाने की घटनाओ के पीछे की वजह क्या है ?

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घटना के विरोध में सड़को पर उतरे मुस्लिम लोग

दरअसल, स्वीडन में कुरान जलाने की घटना के बाद इस्लामिक राष्ट्र बांग्लादेश से भी कुरान जलाए जाने की घटना सामने आई है , यहां दो लोगों ने मिलकर कुरान की दर्जनों प्रतियों को आग के हवाले कर दिया है। जिसके विरोध में हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर जमकर प्रदर्शन किया और इतना ही नहीं आरोपी युवकों पर हमला करने का प्रयास किया ।

 

इस मामले की पड़ताल कर रहे पुलिस ऑफिसर अजबहार अली शेख ने सोमवार को एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि, ‘कुरान जलाने के विरोध में लगभग दस हजार लोग प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने उन दोनों आरोपियों पर हमला करने की कोशिश की जिन पर कुरान की प्रतियां जलाने का आरोप है। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प में कम से कम 14 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। पुलिस ने हालांकि, यह नहीं बताया कि पुलिस के साथ झड़प में कितने प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं।’

इसके आगे पुलिस ऑफिसर अली शेख ने बताया कि, ‘आरोपियों में एक स्कूल प्रिंसिपल नरुर रहमान शामिल हैं और दूसरे आरोपी का नाम महबूब आलम है. पुलिस ने कुरान की जली हुईं 45 प्रतियां जब्त कर ली है। कुरान की जली हुई प्रतियों को लेकर इस्लामिक विद्वानों का कहना है कि उन्हें अब इस्तेमाल नहीं किया जा सकता इसलिए सम्मानपूर्वक उन्हें नष्ट कर दिया जाना चाहिए। बांग्लादेश की कुल आबादी 17 करोड़ है जिसमें 90 फीसद मुसलमान हैं। बाकी 10 फीसद आबाद हिंदुओं और ईसाइयों की है।’

क्या स्वीडन का कानून देता है धर्म के अपमान की इजाजत ?

फिलहाल तो देश में ऐसा तो कोई कानून नहीं है जो धर्म के अपमान की इजाजत देता हो लेकिन ऐसा भी कोई कानून नहीं है जो ऐसी घटनाओं को रोकने का काम करता हो । स्वीडन में ईशनिंदा से जुड़ा फिलहाल कोई कायदा कानून नहीं है।

जानकारी के मुताबिक, ऐसा हमेशा से नहीं रहा है 19वीं सदी में स्वीडन में ईशनिंदा को भयानक अपराध माना जाता था , जिसके लिए आरोपी को मृत्युदंड की सजा प्रावधान भी था । लेकिन बताया जाता है कि, जैसे – जैसे देश धर्मनिरपेक्षता की तरफ बढ़ता रहा वैसे – वैसे ईशनिंदा कानून में ढील आती रही है और इस प्रकार ये कानून एक समय बाद साल 1970 में खत्म कर दिया गया।

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विश्व में कैसा है ईश निंदा कानून ?

विश्व भर में ईशनिंदा को कानूनी तौर पर अपराध माना गया है , पियू रिसर्च सेंटक के 2019 के शोध में बताया गया है कि, 198 में से 79 देशों में ऐसे कानून या नीतियां है जो ईशनिंदा को रोकने के लिए सख्त कानून की प्रावधान रखती है ।

इनमें अफगानिस्तान, ब्रुनेई, ईरान, नाइजीरिया, पाकिस्तान और सउदी अरब जैसे देशों के नाम सामने आते है , इन देशो में ईशनिंदा करने वाले सख्स के मौत की सजा का नियम है ।