जाने कौन है वर्षा, जो संघर्ष के पंख लेकर उड़ रही ….
यह कहानी एक साधारण गाँव से निकलकर, दुनिया की सबसे अग्रणी कंपनी तक पहुंचने वाली लड़की की है । यह उन व्यक्तियों के लिए एक प्रेरणादायक घटना बन गयी है जो कड़ी मेहनत करके अपनी प्रतिकूल परिस्थितियों पर विजय प्राप्त करते हैं । वर्षा नाम की एक छात्रा, जिसने केरल की ‘श्री नारायणा कालेज ऑफ इंजीनीयरनिंग’ में पढ़ाई की थी , अब वह दुनिया की सबसे बड़ी क्लासिफीकेशन सोसाईटियों में से एक ‘ब्यूरो वेरिट्टस’ में काम कर रही है । वह लड़की युवाओं के लिए एक मिसाल प्रस्तुत कर रही है कि अंतराष्ट्रीय क्षेत्रों में शीर्ष नौकरी पाने के लिए केरल के एक साधारण कालेज में पढ़ाई करना ही काफी है । यह खबर खासकर केरल के लिए एक नमूना पेश करते है क्योंकि यहाँ की युवा पीढ़ी ‘प्ल्स टू’ की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपनी घर गिरवी रखकर विदेश में चले जाते है , उन्हें लगता है कि अगर वे विदेश में पढ़ाई करेंगे तो ही उन्हें अच्छी नौकरी मिल सकती है । उनकी गलतफर्मी को दूर करनेवाली कहानी है वर्षा की ।
वर्षा के माता-पिता विदेश में ‘पैरा मेडिकल’ कर्मचारी थे । केरल में वर्षा अपनी दादी के साथ रहती थी । माता-पिता ज़िंदगी के नाव को पार करने में कठिन मेहनत करके देख वह लड़की अपनी विदेश जाने की सपना मन में ही दबोच लिया था । प्लस्टू के बाद ,इंजीनीयरिंग के लिए कोच्चि के ‘श्रीनारायण कालेज दाखिला लिया ।
हालात तब बदल गए जब वर्षा के माता-पिता को दुबई में ‘एरिज़ ग्रूप’ में नौकरी मिल गयी । कर्मचारी और बच्चे के मूल्यांकन प्रणालियों के माध्यम से वर्षा की प्रतिभा को कंपनी ने पहचाना और उसकी इंजीनीयरिंग पढ़ाई की स्पोनसरशिप ले लिया । ‘फ़र्म’ के सस्थापक अध्यक्ष और सी ई ओ सोहन रॉय जी द्वारा विकसित मैनेजमेंट टूल ‘एफ़्फ़िसिम’ ने उसे अपने कौशल को पहचानने और निखारने में मदद की । इस प्रणाली के माध्यम से वह एक बहत्तर छात्रा के रूप में सफलता प्राप्त की ।
इजीनीयरिंग की पढ़ाई के बाद ‘शिपटेक’ नामक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ने वर्षा के जीवन की दिशा बदल दी । जब उसने इंटरनेशनल मारीटाइम स्टूडेंट प्रतियोगिता के लिए आवेदन दिया तो उसे एक उम्मीद की किरण तक नहीं थी । मारीटाइम क्षेत्र पूर्णत : पुरुष प्रधान क्षेत्र था । लेकिन विश्व की सेवश्रेष्ठ मारीटाइम संस्थाओं की प्रतिनिधियाँ भाग ले रहे उस प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल करने में वर्षा सफल रही । इसके उपरांत विश्व प्रसिद्ध संस्था ‘ब्यूरो वेरिट्टस’ ने उसे अपनी कर्मचारी बना लिया ।
“मैं अपनी करियर गुरु के रूप में एरिज़ ग्रूप की सी ई ओ सोहन राय जी को मेरी ‘एफ़्फ़िसिम’ प्रॉफेश्नल मार्ग दर्शक के रूप में मानती हूँ और मेरे माता पिता के प्यार और उन्होंने जो भी चुनौतियों का सामना करके मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया है , उनके प्रति में शुक्रगुजार हूँ । इसलिए मैं यह पुरस्कार मैं उनको समर्पित कर रही हूँ । इनके बदौलत ही मैं यहाँ खड़ी हूँ ।“-दुबई में आयोजित मेरीटाइम की शिपटेक इंटरनेशनल अवार्ड फंकशन के दौरान वर्षा ने कहा ।
यह लड़की आज की यूवा पीढ़ी को यह बताना चाहती है कि जीवन में सफलता प्राप्त करना उस पर आधारित नहीं है कि हम कहाँ पढ़ते हैं ,कहाँ अपनी जीवन बिता चुके है । जीवन में आए कठिनाईयो को अपनी सूझ बूझ और काबिलियत से दूर करके आगे बढ़ने का मौका खुद ढूंढेगा वही जीवन में विजय प्राप्त करेगा है । उसे कोई रोक नहीं सकते ।