क्या था Section 370 और जम्‍मू-कश्‍मीर में इसके मायने

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटा दिया गया है। लंबे समय से इस धारा को लेकर खींचतान होती रही है। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने अपने हितों के लिए कभी इस पर कोई बड़ा फैसला लेने की हिम्मत नहीं दिखाई।

नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में इसको लेकर जो कदम बढ़ाया गया है उसके दूरगामी परिणाम भी सकारात्मक तौर पर दिखाई देंगें। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर धारा 370 है क्या।

आईए इसके बारे में विस्तार से जानें-

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 एक ‘अस्थायी प्रबंध’ के जरिए जम्मू और कश्मीर को एक विशेष स्वायत्ता वाला राज्य का दर्जा देता है।

भारतीय संविधान के भाग 21 के तहत जम्मू और कश्मीर को यह अस्थायी, परिवर्ती और विशेष प्रबंध वाले राज्य का दर्जा हासिल होता है।

भारत के सभी राज्यों में लागू होने वाले कानून भी इस राज्य में लागू नहीं होते हैं।

धारा 370 के प्रावधानों के मुताबिक, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से संबंधित कानून को लागू कराने के लिए केंद्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिए।

राज्य के सभी नागरिक एक अलग कानून के दायरे के अंदर रहते है जिसमें नागरिकता, संपत्ति खरीदने का अधिकार और अन्य मूलभू अधिकार शामिल है।

इस धारा के कारण देश के दूसरे राज्यों के नागरिका इस राज्य में किसी भी तरीके की संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं।

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