International Day of Happiness 2023: खुश रहने के लिए क्या है जरूरी, ऐसे रखें खुदको को खुश

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एक अच्छे और आदर्श जीवन के लिए सबसे अच्छा पहलू क्या होना चाहिए। सुख, सुविधा खुशहाल जीवन और इसमें कोई शक नहीं की एक खुशहाल जीवन के आगे सारे लक्ष्य फीके पड़ जाते है। यानी आपके जीवन में अगर लक्ष्य हासिल भी हो गया और उसके बाद भी कोई ख़ुशी नहीं होती है तो उसका महत्व अपने आप ही खतम हो जाता है। इसलिए संयुक्तराष्ट्र के लक्ष्यों में खुशियां भी हैं, खुशियों का सूचकांक भी है और खुशियों के लिए संयुक्त राष्ट्र कि दिवस भी है जो हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है। इस साल खुशियों के लिए सचेत, कृतज्ञ और उदार रहने पर जोर दिया जा रहा है।

एक समाज सेवी के प्रयासों का नतीजा…

संयुक्त राष्ट्र ने संसार में लोगों की ख़ुशी के महत्व के प्रति जागरुकता को बढ़ाने के लिए यह दिन मनाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 12 जुलाई 2012 को इसे मनाने का संकल्प लिया था। इस दिवस को मामने के लिए प्रसिद्ध समाज सेवी जेमी इलियन की कोशिशें थी जिससे संयुक्त राष्ट्र के महासचिव जनरल बान की मून को प्रेरित हुए और इन्ही प्रयासों का नतीजा रहा कि 20 मार्च का दिन 2013 को इंटरनेशल डे ऑफ हैप्पीनेस घोषित किया गया।

क्या है खुशियों की अहमियत…

खुशी हासिल करने के कई तरीके होते है लेकिन सबसे जरूरी बात जो हमें ध्यान में रखना चाहिए कि जिस उद्देश्य या लक्ष्य के पीछे हम भाग रहे है उसमे हमारी खुशियों का क्या स्थान है यह जरूर तय करें। हमारे में मूल्यों के तंत्र में खुशियों का क्या स्थान हैं यह विचार करना भी जरूरी है। आखिर हम किस हद तक जाकर खुशियां हासिल करना चाहते हैं और उसके क्या क्या खोने के लिए तैयार हैं।

कई तरह के उपाय…

इसमें कोई शक नहीं कि मानवों के उद्देश्यों में खुशी और सुकून ही अंतिम लक्ष्यों में शामिल होते हैं। लेकिन इसे हासिल करने के लिए हमें क्या करना चाहिए बल्कि हम क्या क्या कर सकते हैं इसको लेकर डॉक्टर, मनोचिकित्सक, आध्यात्मिक और धार्मिक गुरू कई तरह के उपाय सुझाते हैं। इस पर कई तरह के वैज्ञानिक शोध भी हुए हैं।

कई समस्याओं का हल…

हैरानी की बात है कि इस बात को अक्सर ही नजर अंदाज कर दिया जाता है कि खुशियां हमारी कई समस्याओं का एक साथ समाधान पैदा करने का काम करती हैं. जैसे खुश व्यक्ति ज्यादा सेहतमंद होता है. उसके जीवन में ना केवल तनाव कम होता है बल्कि उसमें तनाव झेलने की क्षमता भी अधिक हो जाती है.

महत्व को याद रखना जरूरी… 

सबसे रोचक बात तो यह है कि केवल हम एक दुसरो को खुशियों के महत्व को याद दिलाने से हम खुदको कई उलझनों में फ़सानें से बचा सकते है। खुशियों को केंद्र में रखने से हम लोगो को अपने बेहतरी के लिए प्राथमिकताएं तय करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं और उसके साथ ही उनकी साकारत्मक मानसिक सेहत को भी बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। खुशियों से संबंधित एक और अनोखी बात यह है कि खुशी के लिए बहुत बड़े प्रयास करना जरूरी नहीं है हम छोटे छोटे कामों से भी खुशियां हासिल कर सकते हैं और एक मुस्कुराहट से आसान क्या हो सकता है. अपनों और बच्चों के मुख पर मुस्कुराहट अपने आप ही हमारे चेहरे पर भी सुकून, मुस्कुराहट और खुशी के भाव आ जाते हैं।

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