‘मुझे विश्वास था पदक लेकर आएगी मनु’

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अपने पहले ही कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने वालीं युवा महिला निशानेबाज मनु भाकर के पिता अपनी 16 साल की बेटी की सफलता से बेहद खुश और गर्व महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें पता था कि मनु पदक लेकर आएगी क्योंकि वह कभी किसी टूर्नमेंट से खाली हाथ नहीं लौटीं।

‘बेटी की जीत पर गर्व है’

मनु ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में खेले जा रहे 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स की निशानेबाजी की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में गोल्ड पर अपनी बेटी की जीत से गौरवान्वित मनु के पिता राम किशन भाकर ने कहा, ‘जीतने के बाद सब कहते हैं कि हमें उम्मीद थी लेकिन सच कहूं तो मनु कभी किसी टूर्नामेंट से खाली हाथ नहीं आईं। चाहे वह नैशनल्स हो, स्कूल या कोई भी टूर्नमेंट हो।’ रामकिशन ने अपनी बेटी को हमेशा खुलकर खेलने को कहा है।

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‘हमेशा मस्ती में खेलती है मनु’

उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले मैंने उससे कहा था कि खेल है हार-जीत होती रहती है। बस अच्छे से खेलना, खेल का आनंद लेना।’ उनसे जब पूछा गया कि क्या इतने बड़े खेलों को लेकर मनु दबाव में थीं, तो उन्होंने कहा, ‘वह कभी दबाव नहीं लेतीं और हमेशा मस्ती में खेलती है। वह कहती है- हार गए तो हार गए, जीत गए तो जीत गए। बस अच्छे से खेलना है। वह हर शॉट पर फोकस करती है न कि पूरे गेम पर। वह अगला शॉट बेहतर करने के इरादे से खेलती है।’

‘गांव वापस आने पर होगा जश्न’

मनु के आने पर उसके स्वागत के बारे में पूछे जाने पर रामकिशन ने कहा, ‘‘आने पर बहुत बड़ा जश्न होना है गोरिया गांव में यहां झज्जर गांव की लगभग हर पंचायत और गांव वाले होंगे। बहुत बड़ा जश्न होना है जिसमें काफी लोग आएंगे।’ मनु ने पिछले महीने मेक्सिको में खेले गए ISSF वर्ल्ड कप में महिलाओं की 10 मीटर पिस्टल और 10 मीटर मिक्स्ड पिस्टल में गोल्ड जीत कर सनसनी मचा दी थी। तभी से उन्हें कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक की बड़ी दावेदार माना जा रहा था।

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