#UPInvestorsSummit : अमेज़न इंडिया ने खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड से मिलाया हाथ
अमेजन ने खादी ग्राम उद्योग बोर्ड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। जिसमें भारत के गांवों खादी कारीगरों को अपने उत्पाद को सीधे अमेजन से बेच सकते है। इसके लिए अमेजन (Amazon) कारीगरों को शिक्षित एवं प्रशिक्षित करेगा। इससे भारत के लोगों को खादी की दिशा में अभूतपूर्व बढ़त मिलेगी तथा साथ ही नवरोजगार का भी सृजन होगा।
भारत में खरीदी और बिक्री के तरीके को बदलने के अपने दृष्टिकोण के अनुसार, अमेज़न इंडिया ने आज उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। इस समझौते के तहत अमेज़न इंडिया गांवों में रहने वाले खादी कारीगरों को देशभर में Amazon.in के ग्राहकों को सीधे अपने उत्पाद बेचने के लिए शिक्षित एवं प्रशिक्षित कर सक्षम बनायेगा। ऑनलाइन उत्पादों की सूची में खादी के शर्ट, कुर्ते, धोती, टॉवल और स्वादिष्ट व्यंजन होंगे, जिनकी शहरों में भारी मांग व सामर्थ्य है।
कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगार क्षेत्र बनेगा खादी एवं ग्राम उद्योग विभाग
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार टेक्सटाइल व एपरेल क्षेत्र ने क्रमशः 35 और 50 मिलियन भारतीयों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार दिया है और यह कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगार क्षेत्र बन गया है। इस कारण खादी अधिक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। प्राकृतिक और पर्यावरण हितैषी उत्पादों की ओर उन्मुख लोगों के कारण प्रकृति में अपघटनीय और जैविक उत्पादों की मांग बढ़ रही है।
इस भागीदारी के माध्यम से अमेज़न इंडिया और उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड ग्रामीण लोगों को सशक्त करेंगे और उनके लिये रोजगार के अवसर निर्मित करेंगे और खादी एवं ग्राम उद्योग की अर्थव्यवस्था को विकसित करेंगे। खादी व्यवसायियों को डिजिटल कनेक्टिविटी देकर यह गठबंधन उन्हें भारत की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़कर लाभ पहुंचायेगा। उत्पादों को ऑनलाइन बेचने के विकल्प से ग्रामीण व्यवसायी अपनी पहुँच का विस्तार कर सकेंगे, उन्हें अपने उत्पादों का उचित मूल्य मिलेगा, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर होगा।
खादी आय बढ़ाने का एक अन्य स्रोत
उत्तर प्रदेश की लगभग 80 प्रतिशत ग्रामीण आबादी कृषि पर निर्भर है, जिनके लिये खादी आय बढ़ाने का एक अन्य स्रोत बन सकता है, क्योंकि इसमें उपलब्ध कच्चे माल का उपयोग होगा। अपनी योजना के हिस्से के तौर पर अमेज़न इंडिया ने खादी बोर्ड के साथ मिलकर अक्टूबर 2017 से कार्यशालाओं का आयोजन शुरू किया था, ताकि खादी सोसायटी और ग्राम उद्योगों को शिक्षित किया जा सके।
यह कार्यशालाएं कानपुर, वाराणसी, गाजियाबाद और लखनऊ में आयोजित हुईं, जिनमें ई-मार्केटिंग और ऑनलाइन बिक्री का प्रशिक्षण दिया गया। अमेज़न इंडिया ने लगभग 150 सोसायटी के लिये कार्यशालाओं का आयोजन किया और कारीगरों को बाजार में प्रवेश दिया। इस भागीदारी के जरिये कई ग्रामीण कारीगरों को प्रभावित करने वाली 8 खादी सोसायटी वर्तमान में । Amazon.in पर सक्रिय हैं और 400 से अधिक उत्पाद प्रदर्शित कर रही हैं।
खादी भारत की पहचानः पचौरी
इस पहल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार में खादी एवं ग्राम उद्योग के मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कहा, ‘‘खादी भारत की पहचान है, जिसे विगत कुछ वर्षों में ग्राहकों से नई स्वीकार्यता मिली है। ऐसे कई बुनकर और कारीगर हैं, जो अपनी कुशलता से खादी को जीवंत करते हैं। हम मानते हैं कि इन कलाकारों के लिये ई-कॉमर्स सर्वश्रेष्ठ तरीका है, ताकि वह देश और विदेश में ग्राहकों तक पहुँच सकें। हम इन कारीगरों की डिजिटल यात्रा में अमेज़न के साथ भागीदारी कर प्रसन्न हैं, इससे उनकी पहुँच बढ़ेगी और रोजगार निर्मित होगा। ऑनलाइन वाणिज्य क्षेत्र का यह उपक्रम सरकार की ‘डिजिटल इंडिया’ पहल को सहयोग देता है और हम इस यात्रा में अमेज़न को सहयोग प्रदान करते रहेंगे।’’
खादी आधुनिक ग्राहकों के बीच लोकप्रिय
इस भागीदारी के विषय में उत्तर प्रदेश सरकार के खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और आईएएस अविनाश कृष्ण सिंह ने कहा, ‘‘खादी आधुनिक ग्राहकों के बीच लोकप्रिय हो रही है, इसलिये उनकी बदलती प्राथमिकताओं को समझना महत्वपूर्ण है। ई-कॉमर्स से उत्पादों में सुधार के लिये मदद मिलेगी। अमेज़न इंडिया के साथ इस भागीदारी के जरिये हम इन खादी सोसायटी और ग्राम उद्योगों को अधिकतम अवसर प्रदान करना चाहते हैं और उनकी वृद्धि में सहयोग देना चाहते हैं।’’
अमेज़न इंडिया प्रतिभावान कारीगरों और बुनकरों के जीवन में लाएगा परिवर्तन
उत्तर प्रदेश सरकार के खादी एवं ग्राम उद्योग के प्रधान सचिव और आईएएस नवनीत सहगल ने कहा, ‘‘इस भागीदारी से हमारे उत्पादों को बड़ा ग्राहक आधार मिलेगा और बिक्री बढ़ेगी, जिससे हमारे ग्रामीण कारीगर प्रोत्साहित होंगे। अपने समृद्ध अनुभव और ग्राहकों की गहन समझ से अमज़ेन इंडिया इन प्रतिभावान कारीगरों और बुनकरों के जीवन में परिवर्तन ला सकता है, ताकि वह बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था से लाभान्वित हो सकें।’’
कारीगरों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएंगेः गोपाल पिल्लई
अमेज़न इंडिया में बिक्री सेवाओं के निदेशक एवं महाप्रबंधक गोपाल पिल्लई ने कहा, ‘‘भारत में खरीदी और बिक्री के तरीको के बदलने के हमारे दृष्टिकोण के अनुसार अमेज़न इंडिया ने अधिक से अधिक विक्रेताओं, बुनकरों और कलाकारों को ऑनलाइन बिक्री अपनाने और लाभ कमाने के लिये प्रेरित किया है।
विगत कुछ वर्षों में बढ़ी खादी की मांग की पूर्ति करने के लिये हम उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड के साथ भागीदारी कर प्रसन्न हैं और इन उत्पादों को अमेज़न के लाखों ग्राहकों तक ले जाएंगे। खादी और ग्राम उद्योगों के विभिन्न उत्पादों के प्रशिक्षण, विपणन, बिक्री और आपूर्ति के जरिये हम इस राज्य के ग्रामीण कारीगरों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएंगे। हम इस नई डिजिटल यात्रा में उन्हें व्यापक बिक्री सेवाओं और आवश्यक साधनों से सुसज्जित करने के लिए तत्पर हैं।’’
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देश के विकास के साथ जुड़ा अमेज़न इंडिया
एक वर्ष की अवधि में अमेज़न इंडिया ने डीसी हैंडलूम, कपड़ा मंत्रालय, द ट्राइबल को-ओपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेन्ट ऑफ़ इंडिया (टीआरआईएफईडी), तेलंगाना सरकार, नागालैंड सरकार, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और गुजरात आदिवासी विकास विभाग जैसे कई सरकारी निकायों के साथ भागीदारी की है, ताकि देश के कारीगरों और एसएमई की उन्नति के लिये सरकार के प्रयासों में सहयोग प्रदान किया जा सके। कंपनी ने विशेषीकृत प्रशिक्षण प्रारूप निर्मित किये, जमीनी स्तर के कर्मचारियों के साथ कार्यशालाओं का आयोजन किया और प्रशिक्षण संसाधन साझा किये, ताकि वह अपने व्यवसाय को ऑनलाइन शुरू कर सकें और उन्हें आगे बढ़ा सकें।
विक्रेताओं को प्रशिक्षित और पोषित करने पर लक्षित सेलर यूनिवर्सिटी, ऑनलाइन यात्रा में विक्रेताओं को सहयोग के लिये तृतीय पक्ष के वेंडरों का निकाय सर्विस प्रोवाइडर नेटवर्क और ईजी शिप जैसे कार्यक्रमों के जरिये लोजिस्टिक सहयोग जैसी प्रमुख पहलों से Amazon.in ने ऐसी कई गतिविधियाँ शुरू की हैं। कंपनी विक्रेताओं और छोटे उद्यमियों की विभिन्न व्यावसायिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये कार्य कर रही है, ताकि वह अपने व्यवसाय की ऑनलाइन वृद्धि कर सकें और लाभ अर्जित कर सकें।
उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड के विषय में
खादी और ग्राम उद्योग के सर्वांगीण विकास के लिये उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड की स्थापना उत्तर प्रदेश खादी ग्राम उद्योग अधिनियम 10, 1960 के अंतर्गत एक सलाहकार निकाय के रूप में हुई थी। उसके बाद, ऊपर दिया गया कानून खादी ग्राम उद्योग बोर्ड कानून संख्या 64, 1966 द्वारा संशोधित कर दिया गया जिसने बोर्ड को राज्य में खादी एवं ग्राम उद्योग की योजनाओं को लागू करने का अधिकार प्रदान किया। इस तरह, खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड को एक स्वायत्त संस्थान का दर्जा दिया गया। खादी एवं ग्राम उद्योग का उद्देश्य कम पूंजी निवेश के साथ छोटे उद्योग स्थापित कर रोजगार के सर्वाधिक अवसरों का निर्माण करना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है।
(साभार- uttarpradesh.org)
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