बीएचयू लाईब्रेरी का उन्नयन, जानें तीन वर्ष में कितनी अधिक हुई अध्ययन की क्षमता

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक सयाजीराव गायकवाड़ केन्द्रीय पुस्तकालय में हर रोज़ तकरीबन 6000 से अधिक विद्यार्थी एवं शिक्षक आते हैं. यहां 15 लाख से अधिक पुस्तकें, 90,000 ई-पुस्तकें तथा 17,000 से अधिक शोध पत्र हैं.

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काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक सयाजीराव गायकवाड़ केन्द्रीय पुस्तकालय में हर रोज़ तकरीबन 6000 से अधिक विद्यार्थी एवं शिक्षक आते हैं. यहां 15 लाख से अधिक पुस्तकें, 90,000 ई-पुस्तकें तथा 17,000 से अधिक शोध पत्र हैं. विश्वविद्यालय में अध्ययन करने वालों के लिए बैठने की सीमित क्षमता लंबे समय से एक चुनौती बनी हुई थी. कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के नेतृत्व व निरन्तर प्रयासों से विश्वविद्यालय में न केवल विद्यार्थी सुविधाएं बेहतर हो रही हैं बल्कि पठन पाठन के लिए उत्तम व आधुनिक ढांचागत व्यवस्था भी मज़बूत बन रही है. इसी क्रम में केन्द्रीय पुस्तकालय में अध्ययन हेतु बैठने की क्षमता पिछले तीन वर्षों में बढ़कर दोगुनी से भी अधिक होने जा रही है.

लाइब्रेरी की क्षमता में वृद्धि

वर्ष 2021 में बीएचयू पुस्तकालय की क्षमता महज़ 850 विद्यार्थियों की ही थी. इस क्षमता में बढ़ोतरी की मांग काफी समय से हो रही थी. विद्यार्थियों की आवश्यकता के मद्देनज़र कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने स्थान प्रबंधन तथा पुस्तकालय में बैठने व अध्ययन की क्षमता में बढ़ोतरी की कार्ययोजना के लिए निर्देश जारी किये. इस क्रम में चरणबद्ध तरीके से पुस्तकालय की क्षमता में इज़ाफा किया गया है. इसके तहत यूजीसी-एचआरडीसी केन्द्र द्वारा प्रयोग किये जा रहे पुस्तकालय की इमारत के प्रथम तल को अध्ययन कक्ष में परिवर्तित किया गया.

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इससे वर्ष 2022 के अंत तक 350 सीटों की बढ़ोतरी हुई. इसके उपरांत यूजीसी-एचआरडीसी के प्रयोग वाले पूरे भवन में अध्ययन कक्ष की सुविधा विकसित की गई, जिससे 250 अतिरिक्त सीटें केन्द्रीय पुस्तकालय को मिल गईं, और कुल क्षमता 1450 तक पंहुच गई. यूजीसी-एचआरडीसी को स्थानांतरित कर तैयार इस अध्ययन भवन का औपचारिक उद्घाटन कुलपति जी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किया गया.

कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा, “हम शैक्षणिक व अनुसंधान उत्कृष्टता सुनिश्चित करने के लिए विद्यार्थी सुविधाओं के विकास व विस्तार पर विशेष ज़ोर दे रहे हैं. इस क्रम में विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय को और संसाधन उपलब्ध कराने के साथ साथ अतिरिक्त स्थान भी बनाया गया है. पुस्तकालय के विस्तार भवन के रूप में एक जी+5 इमारत का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है. इससे पुस्तकालय की क्षमता में 600 सीटों का इज़ाफा होगा तथा 70,000 पुस्तकों को रखने की अतिरिक्त जगह मिलेगी. इसके साथ ही केन्द्रीय पुस्तकालय की क्षमता 2000 विद्यार्थियों तक की हो जाएगी.”

इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस योजना के तहत विकास

पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. डीके सिंह ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में सयाजी राव गायकवाड़ पुस्तकालय में सुविधाओं का काफी विस्तार हुआ है. डॉ. सिंह ने बताया कि अब पुस्तकालय के समक्ष न तो धन की कमी की समस्या है और न ही अन्य संसाधनों की चुनौती. उन्होंने बताया कि पुस्तकालय में सुविधाओं का विस्तार होने से विश्वविद्यालय के सदस्यों को काफी सहूलियत हो रही है, खासतौर से वंचित वर्गों से आने वाले विद्यार्थियों को.

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पुस्तकालय को विद्यार्थियों के अनुकूल बनाने तथा सुविधाओं के विकास की दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं. वित्तीय वर्ष 2023-24 में पुस्तकालय का वार्षिक आवंटन तीन वर्ष पहले की तुलना में पांच गुना था. साइबर लाइब्रेरी हर रोज़ सुबह 8 बजे से अगले दिन सुबह 5 बजे तक खुली रहती है, जिससे विद्यार्थियों को काफी सुविधा होती है. वर्ष 2021 में साइबर लाइब्रेरी 15 घंटे ही खुलती थी. केन्द्रीय पुस्तकालय का उन्नयन तथा आधुनिक सुविधाओं का विकास भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस योजना के तहत किया जा रहा है.

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