वाराणसी के चितईपुर और भेलूपुर थाना क्षेत्रों में सड़क हादसों में दो युवकों की मौत हो गई. पहली घटना सोमवार की रात चितईपुर क्षेत्र के हैदराबाद गेट के पास हुई. यहां किसी अज्ञात वाहन ने परिवार के इकलौते बेटे हर्ष कुमार सिंह (23) की जान ले ली. दूसरी ओर मंगलवार की सुबह स्कूटी से मिठाई पहुंचाने जा रहे 18 वर्षीय आयुष कुमार मोदनवाल की ट्रैक्टर ट्राली की चपेट में आने से मौत हो गई. दुर्घटना से बौखलाये लोगों ने बड़ी पटिया में चक्काजाम कर दिया. लोगों ने चालक को पकड़कर जमकर पिटा और उसे पुलिस के हवाले कर दिया. दुर्घटनाओं में युवकों की मौत की सूचना से दोनों परिवारों में कोहराम मच गया.
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जगतपुर डिग्री कालेज के बीकाम थर्ड समेस्टर का छात्र था हर्ष
पहली दुर्घटना हैदराबाद गेट के पास सोमवार की रात हुई. कोचिंग संचालक प्रवीण सिंह का इकलौता बेटा हर्ष कुमार सिंह अवलेशपुर क्षेत्र में रहता था. वह जगतपुर डिग्री कालेज में बीकाम थर्ड समेस्टर का छात्र था. घर में मां अनीता सिंह बेटे की लम्बी आयु के लिए गणेश चतुर्थी व्रत थीं. बताया जाता है कि शाम को हर्ष बाइक से लंका क्षेत्र में अपने मित्र के घर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने गया था. लौटते समय हैदराबाद गेट से तीन सौ मीटर दूर अज्ञात वाहन उसकी बाइक में टक्कर मारते हुए भाग निकला. रात में पीआरवी को दुर्घटना की सूचना मिली तो वह हैदराबाद गेट के पास पहुंची. वहां युवक लहूलुहान पड़ा था. पुलिस उसे बीएचयू ट्रामा सेंटर ली गई जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने उसके पास से मिले कागजात और मोबाइल से उसकी पहचान की. सूचना मिलने पर पिता प्रवीण सिंह अस्पताल पहुंचे. उधर, जिस बेटे के लिए मां ने गणेश चतुर्थी का व्रत रखा था उसकी मौत की खबर मिलते ही वह बेहोश हो गई. पिता प्रवीण सिंह पहले दमन दीव में रहते थे. अब अवलेशपुर में मकान बनवाकर कोचिंग चलाते हैं.
बड़ी पटिया में ट्रैक्टर ट्राली ने स्कूटी सवार आयुष को रौंदा, चक्काजाम
दूसरी दुर्घटना बड़ी पटिया में हुई. आयुष सिगरा थाना क्षेत्र के लल्लापुरा के मिष्ठान विक्रेता राजेश कुमार मोदनवाल का बेटा था. महमूरगंज में उनकी मिठाई की दुकान है. सुबह आयुष ने दुकान से मिठाई ली और स्कूटी से बजरडीहा पहुंचाने जा रहा था. बड़ी पटिया में अनियंत्रित ट्रैक्टर ट्राली ने उसकी स्कूटी में टक्कर मारा दी. आयुष स्कूटी समेत सड़क पर गिरा. इतने में ट्रैक्टर ट्राली ने उसे रौंद दिया. मौके पर ही उसकी मौत हो गई. दुर्घटना देख आसपास के लोग शोर मचाते दौड़े तो चालक ट्रैक्टर ट्राली लेकर भागने लगा. लोगों ने दौड़कर उसे पकड़ और पिटाई कर उसे बैठा लिया. इस बीच क्षेत्रीय लोगों ने चक्काजाम कर दिया. सूचना पर पुलिस पहुंची तो लोगों ने चालक को उनके हवाले किया. लोगों का कहना था कि ट्रैक्टर ट्रालियों से आयेदिन हादसे हो रहे हैं. जबकि शहरी क्षेत्र में ट्रैक्टर ट्रालियों को प्रतिबंधित किया गया है. हर हादसे के बाद पुलिस इस पर रोक लगाने की बात करती है लेकिन वसूली के चक्कर में फिर आवागमन शुरू हो जाता है. कुछ देर बाद इंस्पेक्टर भेलूपुर पहुंचे. उनके काफी समझाने पर लोगों ने जाम समाप्त किया. हादसे की खबर मिलने पर पिता राजेश मोदनवाल, बड़ा भाई अनुज मोदनवाल और मां सीमा पहुंचे. उनकी हालत बदहवासों जैसी थी. पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.