वाराणसी: एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या की कहानी में ट्वीस्ट, कड़ी जोड़ने में जुटी पुलिस
वाराणसी के भदैनी (भेलूपुर) क्षेत्र में राजेंद्र गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू और तीन बच्चों की गोली मार कर हत्या की घटना ने काशी वासियों का दहला दिया है. घटना की जानकारी होने के बाद चहुंओर इस जघन्य वारदात को लेकर तरह – तरह की बातें हो रही हैं. पहले आशंका जताई जा रही थी कि राजेंद्र ने ही अपनी पत्नी और बच्चोंं का काम तमाम करने के बाद खुद भी जान दे दी, लेकिन जांच की परत दर परत खुलने के साथ ही इस हत्याकांड की कहानी में भी ट्वीस्ट देखने को मिल रहा है. वहीं पुलिस राजेंद्र के एक भतीजे सहित 6 लोगों से पूछताछ कर रही है.
वहीं घटना को लेकर एक खुलासा यह भी हुआ कि घटना वाले दिन राजेंद्र का एक भतीजा बनारस में ही था जबकि दूसरे भतीजे से पुलिस को संपर्क नहीं हो पा रहा है. पुलिस का कहना है कि राजेंद्र के भतीजे भी संदेह के घेरे में हैं. बता दें कि भदैनी पावर हाउस के सामने की गली में राजेंद्र गुप्ता का पांच मंजिला मकान है. मकान के अगले हिस्से में प्रथम, द्वितीय और तृतीय तल पर राजेंद्र का एक-एक फ्लैट है. जबकि, अन्य फ्लैट और उससे सटे टिनशेड में 40 किरायेदार रहते हैं. राजेंद्र के साथ घर में मां शारदा देवी के अलावा उसकी दूसरी पत्नी नीतू (45), बेटे नवेंद्र (24) व सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (17) रहते थे. राजेंद्र की एक जमीन शिवाला में है जिसमें शराब ठेके का संचालन होता है.
यह है मामला
मंगलवार की सुबह 11 बजे घर की सफाई करने के लिए रीता देवी प्रथम तल स्थित फ्लैट पर पहुंची थी. दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई. इस बीच रीता ने धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया. अंदर जाने पर रीता ने देखा कि नीतू फर्श पर खून से लथपथ निढाल पड़ी थी. वह भाग कर दूसरे तल पर स्थित फ्लैट में गई तो वहां एक कमरे में नवेंद्र फर्श पर खून से लथपथ पड़ा था और गौरांगी एक कोने में मृत पड़ी थी.
वहीं, सुबेंद्र का शव बाथरूम में मिला. सूचना पाकर पुलिस पहुंची तो राजेंद्र घर पर नहीं था. राजेंद्र के मोबाइल नंबर को पुलिस ने सर्विलांस की मदद से ट्रैक करना शुरू किया तो उसकी लोकेशन घटनास्थल से करीब 12 किलोमीटर दूर रोहनिया के मीरापुर रामपुर गांव में मिली. पुलिस वहां पहुंची तो अपने निर्माणाधीन मकान के एक कमरे में मच्छरदानी लगे बिस्तर पर उसका शव पड़ा था. मौके से किसी असलहे के नहीं मिलने की बात सामने आई है. हालांकि इस मकान से पुलिस को तंत्र मंत्र और वास्तुशास्त्र की किताबें मिली हैं.
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पेशेवर शूटरों ने सभी को मारी एक से ज्यादा गोली
घटनास्थल को देखने से यह प्रतीत हो रहा था कि पेशेवर सुपारी किलर ने वारदात को अंजाम दिया होगा. साजिश पूरे परिवार का खात्मा करने की रही. इसलिए नीतू और उनके तीन बच्चों के सिर और सीने पर पर एक से ज्यादा गोली मारी गई थी. राजेंद्र की दाईं कनपटी और सीने पर गोली मारी गई थी. सुबेंद्र के सिर पर किसी वजनी वस्तु से भी वार किए जाने की बात सामने आई. हालांकि किसे कितनी गोली कहां मारी गई, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही स्पष्ट हो सकेगा, लेकिन सभी को करीब 11 गोली मारे जाने की बात सामने आ रही है.
32 बोर की पिस्टल का वारादात में हुआ इस्तेमाल
दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखा के आधार पर पुलिस दावा कर रही है कि पांचों लोगों की हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया है. पुलिस पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है. मृत राजेंद्र पर अपने पिता, छोटे भाई कृष्ण कुमार और उसकी पत्नी मंजू के साथ ही पिता लक्ष्मी नारायण एवं एक चौकीदार की हत्या का आरोप था.
नीतू से किया था प्रेम विवाह, थी दूसरी शादी
राजेंद्र के पड़ोसियों ने बताया कि संपत्ति के लालच में राजेंद्र ने 28 साल पहले वर्ष 1996 में अपने छोटे भाई कृष्णा और उसकी पत्नी मंजू की हत्या सुपारी पर शूटरों से कराई थी. वर्ष 1997 में राजेंद्र पर उसके पिता लक्ष्मी नारायण गुप्ता और उनके एक चौकीदार की हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था. हालांकि, राजेंद्र की मां शारदा देवी ही मामले में वादी थी. इस कारण मां को अपने पक्ष में करके वह जेल से बाहर आ गया था. वहीं, कृष्णा और मंजू की हत्या का मामला रफा-दफा हो गया. जेल से बाहर आने के बाद वर्ष 1999 में उसने भदैनी में अपने किरायेदार एक ब्राह्मण परिवार की नीतू से प्रेम विवाह किया था.
नीतू से प्रेम विवाह के बाद ही परिजन ने उससे नाता तोड़ लिया था. यह उसकी दूसरी शादी थी. उसकी पहली पत्नी़ अपने एक बेटे के साथ पश्चिम बंगाल के आसनसोल में रहती है. राजेंद्र गुप्ता के दादा पन्ना साव अपने दौर के संपन्न लोगों में शुमार थे. भदैनी इलाके के लोगों ने बताया कि पन्ना साव किराये पर 150 रिक्शा चलवा कर बड़े पैमाने पर चल-अचल संपत्ति के मालिक बन गए. पुलिस के मुताबिक, राजेंद्र ने दो शादी की थी. हाल के दिनों में एक अन्य महिला से भी उसकी करीबी बढ़ी थी. इन्हीं सभी बिंदुओं को वारदात की वजह मान कर सीसी कैमरों की फुटेज, सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से पुलिस की 10 टीमें जांच कर रही हैं.
कुछ अनसुलझे सवालों का जवाब तलाश रही पुलिस
एक ही परिवार की हत्या की गुत्थी जांच बढने के साथ उलझती जा रही है. पुलिस के सामने कई सवाल पैदा हो रहे हैं. पुलिस उनके हल तलाशने में लगी हुई है. यह भी सवाल उठ रहा है कि पहले राजेंद्र की हत्या की गई या उसकी पत्नी व बच्चों को मारा गया? पूरे परिवार को बदमाशों ने खत्म कर दिया तो उसी फ्लैट में मौजूद राजेंद्र की मां शारदा देवी को क्यों छोड़ दिया गया? इन सवालों का जवाब फिलहाल पुलिस के पास नहीं है. वहीं, राजेंद्र की मां शारदा देवी भी पुलिस को घटना के संबंध में खास जानकारी नहीं दे सकी. उधर, राजेंद्र के किरायेदारों ने बताया कि सोमवार की रात लगभग एक बजे के बाद पटाखे फूटने की आवाज सुनाई दी थी. सभी को लगा कि दीपावली का समय है, इसलिए कोई पटाखे फोड़ रहा होगा.
हर माह लाखों की आमदनी
दादा और पिता के बूते ही राजेंद्र का भदैनी में आलीशान मकान और जमीन है. शिवाला में उसकी जमीन पर ही देसी शराब का ठेका है. किरायेदार भी रहते हैं. मीरापुर रामपुर गांव में वह मकान बनवा रहा था. इसके अलावा छित्तूपुर सहित कुछ जगहों जमीन खरीदी थी. राजेंद्र के करीबियों ने बताया कि भदैनी व शिवाला के किरायेदारों और शराब ठेका संचालक से प्रति माह राजेंद्र को 10 लाख रुपये से ज्यादा किराया मिलता था. संपत्ति के लालच में ही उसने अपने भाई, उसकी पत्नी समेत पिता और चौकीदार की हत्याप में राजेंद्र का नाम सामने आया था. पुलिस कडी से कडी जोडकर वारदात से जुडे सभी पहलुओं पर जांच कर रही है.
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पुलिस की सूचना पर पहुंचा एक भतीजा
राजेंद्र के घर रेनू खाना बनाने, जिया बर्तन धोने और रीता सफाई करती थी. रेनू ने पुलिस को बताया कि सोमवार की शाम उसे काम था, इसलिए वह रोटी-सब्जी बनाकर शाम छह बजे चली गई थी. उस समय घर पर सिर्फ सुबेंद्र और गौरांगी ही थे. रेनू ने कहा कि पूरा परिवार बहुत अच्छा था. कभी आपस में कहासुनी भी नहीं होती थी. उसने बताया कि नमनेंद्र भैया बंगलूरू में किसी मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करते थे. वह दीपावली के पहले आए थे और छठ मनाने के बाद उन्हें वापस जाना था. गौरांगी और सुबेंद्र शहर के एक नामी स्कूल में कक्षा 10 और आठ में पढ़ते थे.
राजेंद्र के भाई कृष्णा और उसकी पत्नी मंजू की हत्या के बाद उनके बेटों विक्की व जुगनू और बेटी डाली का पालन-पोषण राजेंद्र गुप्ता ने ही किया था. डाली की शादी डेढ़ साल पहले उसने दिल्ली में की थी. विक्की और जुगनू उर्फ प्रशांत दिल्ली और बंगलूरू में रह कर काम करते हैं. दीपावली पर विक्की आया था और फिर वापस चला गया था. इंस्पेक्टर भेलूपुर ने बताया कि जुगनू वाराणसी आ गया है. विक्की से संपर्क नहीं हुआ है. वह किसी का फोन नहीं रिसीव कर रहा है. दोनों भतीजों के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है.