वाराणसी के मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के डंगहरिया गांव के सामने हाईवे पर ट्रक की टक्कर से गौरव मिश्रा (19) की जान चली गई. जबकि उसके चाचा सुरेंद्र मिश्र (54) गंभीर रूप से घायल हो गये. उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनकी हालत गंभीर है. मृतक गौरव अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था. दुर्घटना के बाद चालक ट्रक लेकर फरार हो गया.
बताया जाता है कि भीखीपुर गांव के सुरेंद्र मिश्रा अपने भतीजे गौरव मिश्रा के साथ बाइक से बुधवार को वैवाहिक समारोह में शामिल होने भदोही जिले के गोपीगंज गए थे. गुरुवार को चाचा और भतीजा लौट रहे थे. डंगहरिया गांव के सामने हाईवे पर प्रयागराज की ओर से आ रहे ट्रक ने बाइक के पिछले हिस्से में जोरदार टक्कर मार दी. इस दुर्घटना में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गये. गांववालों की सूचना पर पहुंची मिर्जामुराद पुलिस ने एम्बुलेंस से दोनों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया. गौरव की हालत गंभीर देख चिकित्सक ने उसे बीएचयू ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. गौरव की दो बहने हैं और वह माता-पिता का इकलौता बेटा था. इंटर पास करने के बाद मेडिकल परीक्षा की तैयारी कर रहा था. उसके पिता निजी कम्पनी में काम करते हैं और इस समय वह बैजनाथ धाम गये हैं.
Also Read : Varanasi : लोहता में कब्र खोदकर निकाली गई किशोरी की लाश
हिंडालको के रिटायर्ड महाप्रबंधक से 14.04 लाख की धोखाधड़ी करनेवाला गिरफ्तार
वाराणसी के साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने देवेश रियल इस्टेट वर्क्स में निवेश और जमीन दिलाने के नाम पर सोनभद्र के हिंडाल्को के रिटायर्ड महाप्रबंधक से 14.4 लाख की धोखाधड़ी के आरोपित पुलिस लाइन के परिवहन शाखा के पास से गिरफ्तार कर लिया. जालसाज के खिलाफ लालपुर-पांडेयपुर थाने में मुकदमा दर्ज था. आरोपित को न्यायालय में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया. पकड़ा गया आरोपित धर्मराज यादव लालपुर-पांडेयपुर थाना क्षेत्र के गोइठहां का निवासी है.
बिल्डिंग मटेरियल्स की आपूर्ति करनेवाले फर्म का कराया था रजिस्ट्रेशन
पुलिस की पूछताछ में धर्मराज ने बताया कि देवेश रियल इस्टेट वर्क्स के नाम से उसने फर्म रजिस्टर्ड कराया है. यह फर्म बिल्डिंग मटेरियल्स की आपूर्ति करती है. वह इस फर्म की आड़ में जमीन खरीदने और बेचने का धंधा करता था. उसने साजिश के तहत हिंडाल्को के पहड़िया में रहनेवाले रिटायर्ड महाप्रबंधक ललिता प्रसाद यादव से संपर्क किया और फर्म की योजनाएं बताकर निवेश करने के लिए तैयार कर लिया. इसके बाद बेला रोड कटहलगंज चौराहा के पास प्लाट दिखाया और 14 लाख 40 हजार रुपये का आरटीजीएस करा लिया. इससे ललिता प्रसाद को भरोसा हो गया. जालसाज ने ललित प्रसाद को प्लांट बुकिंग कराने की रसीद भी दी. बाद में जब ठगी का अहसास हुआ तो ललित प्रसाद ने मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने मामले की जांच साइबर क्राइम थाने को सौंपी थी.