Varanasi: 20 जनवरी को ज्ञानवापी के सील वजू खाने की होगी सफाई

सुप्रीम कोर्ट ने दिया है पानी की टंकी की सफाई का आदेश, डीएम की बैठक में लिया गया फैसला

0

Varanasi: श्रीकाशी विश्वेनाथ मंदिर व ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाना की सफाई को लेकर गुरुवार को निर्णय लिया गया है. वजूखाने की सफाई 20 जनवरी को होगी. इस सिलसिले में जिला प्रशासन ने गुरुवार को हिंदू और मुस्लिम पक्ष के लोगों की बैठक बुलाई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित सील वजूखाना की सफाई 20 जनवरी यानी शनिवार को होगी. इसके लिए सुबह 9 बजे से 11 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है. यह फैसला गुरुवार को जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में हिंदू पक्ष, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और पुलिस अफसरों की बैठक में लिया गया.

सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में टंकी की सफाई की दी अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के वज़ूखाना (पानी की टंकी) की सफाई की अनुमति दे दी थी. मई, 2022 में आयोग के सर्वेक्षण के दौरान वहां शिवलिंग पाए जाने का दावा किया गया था. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने हिंदू पक्ष द्वारा दायर उस याचिका को स्वीकार कर लिया था, जो मस्जिद परिसर में देवताओं की पूजा करने का अधिकार मांग रहे हैं. मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा टैंक को साफ करने की याचिका का विरोध नहीं किया गया.

मछलियों के मरने का दिया था हवाला

मस्जिद पक्ष ने टैंक के अंदर मरी हुई मछलियों की मौजूदगी का हवाला देते हुए टैंक को साफ करने की मांग की थी. मस्जिद समिति ने पीठ को यह भी बताया कि उन्होंने वाराणसी जिला कलेक्टर के समक्ष भी इसी तरह का प्रार्थना पत्र दिया था. वादी पक्ष की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र का निस्तारण करते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया कि वाराणसी जिलाधिकारी की देखरेख में सफाई कराई जाए. वादी की ओर से सीनियर एडवोकेट माधवी दीवान उपस्थित हुईं. सीनियर एडवोकेट हुज़ेफ़ा अहमदी मस्जिद समिति की ओर से पेश हुए.

Also Read : Lucknow ke Raam: प्रभु राम के अस्तित्व से ऐसे जुड़ा है मां चंद्रिका देवी मंदिर ?

2022 में सील करने का दिया गया था आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने मई, 2022 में ‘वजूखाना’ को सील करने का आदेश दिया था. उस समय वहां ‘शिवलिंग’ पाए जाने का दावा किया गया. न्यायालय ने हालांकि स्पष्ट किया कि यह आदेश मुस्लिम नमाज़ियों को नमाज़ पढ़ने के अधिकार में बाधा नहीं डालेगा. पिछले साल, सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वेक्षण की अनुमति दी, जिसमें वादी ने यह पता लगाने की मांग की कि क्या मस्जिद पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर बनाई गई. पिछले महीने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद समिति द्वारा पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 द्वारा वर्जित याचिका खारिज करने के लिए दायर आवेदन खारिज कर दिया था.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More