काशी विश्वनाथ मंदिर के पास हुए हादसे में एनडीआरएफ के 11 बचावकर्मी बने देवदूत
बचाव कर्मियों ने बचाव अभियान में कटिंग उपकरणों की मदद से कुल सात लोगों को को सुरक्षित बाहर निकाला.
श्री काशी विश्वनाथ धाम से सटे इलाके में मंगलवार को सुबह दो जर्जर मकानों के ढ़हने की घटना में एनडीआरएफ की टीम ने ताबड़तोड़ बचाव कार्य कर देवदूत की भूमिका में आ गए. हालांकि इस हादसे एक महिला की जहां मौत हो गई वहीं दर्जन भर लोग घायल हो गए. जर्जर मकानों के मलबे में दबे लोगों को निकालने में एनडीआरएफ की टीम ने अपनी जान लगा दी. इसके चलते मृतकों की संख्या में इजाफा नहीं हो सका.
घंटों जूझते रहे बचाव कर्मी
श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट परिक्षेत्र के येलो जोन में हुई घटना में कई लोग गिरे मकानों के मलबे में दबे बताए जा रहे थे . सूचना पाकर कुछ ही देर में पहुंचे एनडीआरएफ की टीम पुलिस बल के साथ बचाव कार्य में घंटों लगी रही.
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अत्याधुनिक उपकरणों का लिया सहारा
जिला प्रशासन वाराणसी द्वारा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के बगल में पुराने मकान के गिरने की सूचना मिलते ही उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ( एनडीआरएफ ) के नेतृत्व में एनडीआरएफ की दो टीमें मौके पर पहुंच गई. टीम के सदस्यों ने अत्याधुनिक उपकरणों के साथ सघन खोज, राहत एवं बचाव ऑपरेशन शुरू कर दिया.
कुछ ऐसे बचाया गया घायलों को
एनडीआरएफ के जवानों ने लगातार घटनास्थल पर गिरे मलबे के नीचे दबे लोगों तक अपनी पहुंच बनाई. बचाव कर्मियों ने बड़ी सावधानी और सुरक्षा के साथ बचाव अभियान में कटिंग उपकरणों की मदद से कुल सात लोग (जिनमें 4 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं) को सुरक्षित बाहर निकाला. इन सभी घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भेज दिया गया.
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मलबे में कोई बच न जाए, इसकी ली पूरी जिम्मेदारी
इसके बाद एनडीआरएफ टीम लगातार काम करती रही, साथ में यह ध्यान भी देती रही कि मलबे में कोई भी फंसा छूट न जाए. इस हादसे के बचाव क्रम के दौरान घटनास्थल पर मौजूद एनडीआरएफ के उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि हमारी कोशिश प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को बचाना रहा.
Written By- Anchal Singh Raghuvanshi