Varanasi Holi 2024: बनारस की होली क्यों हैं इतनी ख़ास, विदेशों से आते हैं लोग…
Varanasi Holi 2024: भारत की सबसे प्राचीन और पवित्र नगरी वाराणसी, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है. इस नगरी में विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों का संगम होता है, जिसका परिणाम यहां के त्योहारों और महोत्सवों में दिखाई देता है. वाराणसी की होली भी इसी समृद्धि और उत्साह का प्रतीक है, जो हर साल शहर को रंगों के उत्सव में रंग देता है.
होली, भारत में वसंत ऋतु का प्रसिद्ध त्योहार है, जो रंगों का उत्सव माना जाता है. यह त्योहार खुशियों और उत्साह का प्रतीक है, जिसमें लोग एक-दूसरे को रंगों से सरोबार कर देते हैं, गीत गाते हैं और मिठाई बांटते हैं. लेकिन वाराणसी की होली में एक अद्वितीय और विशेष बात है, जो इसे अन्य किसी भी स्थान के होली से अलग बनाती है.
विभिन्न चरणों में यहां मनायी जाती हैं होली
वाराणसी में होली का उत्सव अद्वितीय तरीके से मनाया जाता है. यहां की होली चार दिन तक धूमधाम से मनाई जाता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के परंपरागत आयोजन होते हैं. पहले दिन को ‘होली की पूजा’ के रूप में मनाया जाता है, जिसमें लोग अपने घरों में होली की पूजा और आरती करते हैं. दूसरे दिन को ‘रंगारंग होली’ के रूप में मनाया जाता है, जब लोग रंगों से खेलते हैं और एक-दूसरे को अद्वितीय रंगों में रंगते हैं. तीसरे दिन को ‘बारनी होली’ कहा जाता है, जिसमें लोग गाय और बैलों को अलंकृत कर उनके चरणों में रंग लगाते हैं. चौथे और अंतिम दिन को ‘धूलिवंत होली’ के रूप में मनाया जाता है, जिसमें लोग धूल और कुछाई के खेल खेलते हैं और आपस में खुशियां बांटते हैं.
साधु संतों के साथ खेली जाती हैं होली
वाराणसी की होली में एक और खासियत है, जो इसे अन्य किसी होली से अलग बनाती है. यहां की होली में लोग साधु-संतों के साथ खेलते हैं और उनकी आशीर्वाद लेते हैं. वाराणसी में रहने वाले और अन्य शहरों से आने वाले लोग साधु-संतों के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए विभिन्न धार्मिक स्थलों पर जाते हैं. वाराणसी की होली में भगवान शिव को भी विशेष रूप से पूजा जाता है. होली के इस महापर्व के दौरान, वाराणसी के बड़े-बड़े मंदिरों में भगवान शिव की पूजा की जाती है और भक्तगण उनकी कृपा को प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं.
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वाराणसी की होली एक अद्वितीय अनुभव
इस रूप में, वाराणसी की होली एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है, जो न केवल रंगों का उत्सव होता है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का महत्व भी दर्शाता है. यहां की होली के माध्यम से लोग एक-दूसरे के साथ एकता, समरसता और प्रेम की भावना को बढ़ाते हैं, जो वास्तविक भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
written by – Harsh Srivastava