वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के अस्सी मोहल्ले में स्थित भागवत विद्यालय के बगल में किराए पर कमरा लेकर रहने वाली रूपाली (22) ने शनिवार को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. रूपाली के पति प्रकाश हलदर की दो साल पहले बीमारी से मौत हो गई थी. तब से वह काफी परेशान रहती थी. चर्चा है कि उसने पति वियोग के कारण आत्मघाती कदम उठा लिया.
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मूलरूप से पश्चिम बंगाल के मर्शीदाबाद की रहनेवाली रूपाली भागवत विद्यालय के पीछे भरत के मकान में किरायेदार थी. प्रकाश हलदर से उसकी शादी वर्ष 2017 में हुई थी. उसके दो बेटे पीयूष (4) और बेटी भागीरथी (5) हैं. पति और परिवार के साथ वह खुश थी. पति मजदूरी करता था और रूपाली घरों में झाड़ू-पोछा का काम करती थी. इसी दौरान पति प्रकाश की तबियत खराब रहने लगी. माली हालत खराब होने के कारण जो भी कमाई होती सब दवा में खर्च हो जाता था. आखिरकार प्रकाश नही बचा और दो साल पहले उसकी मौत हो गई. इसके बाद रूपाली परेशान रहने लगी. घरों में झाड़ू-पोछा कर वह बच्चों का पालती रही.
मौत से पहले बच्चों को कर आई थी सास के हवाले
रूपाली की सास आद्री हलदर और श्वसुर लंका क्षेत्र में किराये के आवास में रहते हैं. रूपाली शुक्रवार की शाम दोनों बच्चों को लेकर सास आद्री के पास गई. उन्हें वही छोड़कर घर चली आई. देर रात या शनिवार की सुबह उसने पंखे की कुंडी से रस्सी का फंदा लगाकर खदुकुशी कर ली. सुबह देर तक जब उसका दरवाजा नही खुला तो आसपास के किरायेदारों ने आवाज लगाई. दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नही हुई. संदेह होने पर पड़ोसियों ने रोशनदान से देखा तो रूपाली की लाश पंखे की कुंडी के सहारे लटक रही थी. सूचना पर मकान मालिक भरत पहुंचा और उसने पुलिस को सूचना दी. कुछ देर के बाद पुलिस और फोरेंसिक टीम पहुंची. दरवाजा तोड़ने के बाद मौके की जांच की गई और शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया. सूचना पर रूपाली की सास आद्री उसके दोनों बच्चों को लेकर पहुंची थी. सास और बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल था. आसपास के लोगों ने बताया कि पति की मौत के बाद से रूपाली अवसादग्रस्त हो गई थी. लगता है उसने अपनी मौत का फैसला पहले ही कर लिया था. इसीलिए उसने एक दिन पहले अपने दोनों बच्चों को ले जाकर सास के हवाले कर दिया था.