वैक्सीन की कमी के चलते बनारस में बंद हुए आधा दर्जन सेंटर, बैरंग लौट रहे हैं लोग
कोरोना की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है. देश में तेजी से आंकड़ें बढ़ते जा रहे हैं. कई इलाकों में नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया गया है तो माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने की तैयारी चल रही है. कोरोना वायरस को कमजोर करने के लिए 11 से 14 अप्रैल तक वैक्सीन उत्सव मनाने का ऐलान किया गया है. लेकिन हकीकत ये है कि देश के कई हिस्सों में वैक्सीन की कमी की खबरें सामने आ रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी वैक्सीन की कमी के चलते कई सेंटर्स को बंद कर दिया गया है.
सेंटर से बैरंग लौट रहे हैं लोग
कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए वैक्सिनेशन पर जोर दिया जा रहा है लेकिन वाराणसी की हालत कुछ और बयां कर रही हैं. यहां के अधिकांश सेंटरों पर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ तो मौजूद है लेकिन वैक्सीन नदारद है. लिहाजा लोग सेंटर के चक्कर काटकर वापस लौट जा रहे हैं. इनमें से कई लोगों ने रजिस्ट्रेशन तो करा लिया लेकिन टीका नहीं लग पाया है. लोगों को यह कहकर लौटा दिया जा रहा है कि वैक्सीन की भारी कमी है. लोगों का कहना है कि वैक्सीन न लगने के कारण कोविड-19 के बढ़ रहे संक्रमण में डर-डर कर जीना पड़ रहा है.
वैक्सीन लेने के लिए वाहन लखनऊ रवाना
इस पूरे मामले में जब एडिशनल सीएमओ ने कहा कि जो वैक्सीन हमें मुहैया कराई गई थी उसमें अब तक लगभग 96000 लोगों को वैक्सीनेशन किया जा चुका है. लगभग 5 से साढ़े परसेंट डैमेज सामने आया है जो बहुत ज्यादा नहीं माना जा रहा है. जो डोज बची है वह सेकंड डोज के लिए सुरक्षित है. फर्स्ट डोज के लिए वैक्सीन एक-दो दिन में उपलब्ध होगी. लखनऊ के लिए गाड़ियां रवाना हुई है और 15 अप्रैल के बाद वैक्सीन की कमी वाराणसी में नहीं होगी.
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9000 वैक्सीन का आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं
सूत्रों के मुताबिक 9000 व्यक्ति के डोज का आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के पास वाराणसी में उपलब्ध ही नहीं है. 9200 डोज कहां गए और किसे लगे, इसका आंकड़ा कंप्यूटर में फीड नहीं है. हालांकि इस बारे में जब एडिशनल सीएमओ ने कहा वैक्सीन का आंकड़ा अपडेट नहीं हुआ है. कई प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भी वैक्सीनेशन का कार्य किया जा रहा है और उनकी तरफ से अब तक फीडिंग नहीं हुई है. फीडिंग का कार्य चल रहा है और कोई भी आंकड़ा इधर-उधर नहीं हुआ है. सारी वैक्सीन इस्तेमाल हो रही है, जो डैमेज है उसका आंकड़ा भी सुरक्षित रखा गया है.
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