मशरुम की खेती कर रही ‘देवभूमि’ की इस बेटी को राष्ट्रपति भवन में किया गया सम्मानित

0

देश में किसानों के लिए नकदी की फसल में गन्ना, गेंहूं, धान, और मोटे अनाज के सिवा भी कुछ फसलें हैं। लेकिन ज्यादातर किसान पारंपरिक खेती को ही तवज्जों दे रहे हैं तो वहीं देश में अब महिलाएं भी खेती-किसानी में हाथ आजमाने लगी हैं।

बता दें कि अब वो दिन दूर नहीं जब महिलाएं भी कृषि के क्षेत्र में बुलंदियों के झंडे गाड़ेंगी। क्योंकि इसकी शुरुआत उत्तराखंड के चमोली जिले से हो चुकी है। अपनी कामयाबी की इबारत लिखते हुए दिव्या नाम की एक महिला ने अपने एक सुनहरे पहल के साथ ही कृषि के क्षेत्र में नकदी के तौर पर जानी जाने वाली फसल मशरुम की खेती कर इतिहास रच दिया है।

बता दें कि नकदी फसलों में शामिल होने के बाद भी किसान मशरुम की खेती से पता नहीं क्यों इतनी दूरी बनाए हुए हैं। वहीं दिव्या रावत मशरूम क्रांति के जरिये नाम कमा रही है। दिव्या को इस कार्य के लिए नारी शक्ति पुरस्कार 2016 से नवाजा गया।

Also read : मायावती और सतीष मिश्रा का खुलेगा काला चिट्ठा !

दिव्या को आठ मार्च को महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित हुए कार्यक्रम में उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया। पुरस्कार के रूप में उन्हें एक लाख रुपये की धनराशि और प्रशस्ति पत्र से नवाजा गया है। चमोली जिले के कोट कंडारा गांव से अपने अभियान की शुरूआत करने वाली दिव्या इसके जरिये ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने और रिवर्स माइग्रेशन को गति देने के प्रयास में जुटी है।

उनके कार्यों को देखते हुए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्रालय ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उनका चयन नारी शक्ति पुरस्कार के लिए किया है। साथ ही वो युवाओं को मशरूम को पैदा करने की हुनर भी सिखा रही हैं।

अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More