अगर नाली में बहता दिखा खून और खुले में हुई बलि तो…

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बकरीद त्योहार के मद्देनजर शनिवार रात को प्रदेश भर के अधिकारियों को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया।

सीएम योगी ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि कहीं पर भी जानवर खुले में न काटे जाएं और ना ही कहीं मांस के टुकड़ों या खून को नालियों में बहाया जाए। इस निर्देश के पीछे सांप्रदायकि सौहार्द को बनाए रखने का मकसद बताया गया है।

सूत्रों के मुताबिक, सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिलों में बिजली और पानी की सप्लाई दुरुस्त रहे और कानून व्यवस्था को भी दुरुस्त रखा जाए। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि जानवरों को खुले में न काटा जाए।

समुदायों के वरिष्ठ लोगों के साथ मीटिंग की जाएगी

मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी राजीव शर्मा ने कहा, ‘हम पूरी कोशिश करेंगे कि मुख्यमंत्री के आदेश को लागू किया जाए।

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हमने जिले के विभिन्न अधिकारियों के साथ मीटिंग की है। सोमवार को अधिकारियों के साथ-साथ दोनों समुदायों के वरिष्ठ लोगों के साथ मीटिंग की जाएगी।’

जानवरों की बलि चढ़ाने की अनुमति नहीं होगी

सीएम योगी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जिन जिलों में कांवड़ यात्रा निकल रही है, वहां विशेष ध्यान दिया जाए। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘सीएम का आदेश है कि राज्य भर में बकरीद पारंपरिक रूप से ही मनाई जाएगी लेकिन कहीं भी खुले में जानवरों की बलि चढ़ाने की अनुमति नहीं होगी।’ बता दें कि देशभर में 22 अगस्त को बकरीद का त्योहार मनाया जाएगा।

मुस्लिम बहुल इलाकों में विशेष ध्यान दिया जाए

इधर, गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने कहा है कि बकरीद पर पशुओं की कुर्बानी केवल निर्धारित स्थलों पर ही दी जाए। डीएम ब्रजेश नारायण सिंह ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा के साथ सुरक्षा इंतजामों पर समीक्षा बैठक के बाद अधिकारियों से कहा, ‘मुस्लिम बहुल इलाकों में विशेष ध्यान दिया जाए। पहले से क्षेत्रों का दौरा किया जाए ताकि नमाज स्थलों पर बिना रूकावट बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो।’

पशुओं के कंकाल तालाबों, नदियों, नालों या खुले इलाके में न आएं नजर

उन्होंने कहा कि पशुओं की कुर्बानी केवल निर्धारित स्थलों पर दी जाए और अगर कोई सार्वजनिक स्थलों पर यह करता हूआ पाया जाए तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कुर्बानी वाले पशुओं के कंकाल तालाबों, नदियों, नालों या खुले इलाके में नहीं फेंके जाएं।साभार

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