यमुना नदी में एक के बाद एक अब लगातार तीसरी बार एक साधु का शव तैरता हुआ मिला है। नेवादा गांव की यह घटना मेरठ और बागपत जिलों में हुई घटनाओं से मिलती-जुलती है, जहां दो साधुओं के शव ऐसे ही संदिग्ध परिस्थितियों में पाए गए थे।
पुलिस द्वारा शव को निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मृतक की पहचान की कोशिश जारी है। भगवा रंग के पोशाक में बरामद किया गया यह शव मध्यम आयु वर्ग का मालूम पड़ता है। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से उनकी मौत का कारण पता चलेगा।
24 सितंबर को जिले के टिकरी इलाके में स्थित एक तालाब में एक तपस्वी का शव पाया गया था। पुलिस की तरफ से मेरठ के सरधना क्षेत्र के ऊपरी गंगा नहर से एक और साधु के शव को बरामद किया गया। इन शवों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
इन मौतों के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने शनिवार को ट्वीट किया, “यमुना से एक साधु का शव मिला है। पिछले एक महीने में तीन ऐसे शव मिले हैं। उप्र में साधुओं पर अत्याचार खत्म नहीं हो रहे हैं, जंगल राज अपने सबसे बुरे स्तर पर है।”
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