उत्तर प्रदेश की हवा में जहर ही जहर
दिल्ली की हवा में प्रदूषण जहां थमने का नाम नहीं ले रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश के कई शहरों की हवा में भी बड़ी मात्रा से जहर घुल चुका है। उत्तर प्रदेश के कई शहर प्रदूषण के मामले में दिल्ली से आगे निकल गए हैं। हवा में घुल रहे प्रदूषण तत्वों के मामले को लेकर हर जिला प्रशासन गंभीर है। गंभीरता को लेकर मुख्यमंत्री स्तर तक कई मीटिगों का दौर बड़ी तेज़ी से शुरू हो गया है।
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योगी ने की हर विभाग पर नज़र टेढ़ी
योगी सरकार ने हर विभाग को अपने हिसाब से प्रदूषण कम करने के लिए सख्ती बरतने को बोला है। इसी क्रम चलते हुए यूपी के राज्य संपत्ति विभाग ने प्रदूषण को लेकर निर्देश जारी किया है, विभाग ने कहा है कि सभी वीवीआईपी वाहनों की रेगुलर पॉल्यूशन जांच कराई जाए। साथ ही अनफिट गाड़ियों को हटाया जाए। विभागों में लगी 2006 मॉडल की गाड़ियों को नीलाम किया जाये। इसके साथ साथ 2007, 2008, 2009 मॉडल की गाड़ियों को भी फिटनेस टेस्ट के लिए भेजा जायेगा। हर विभाग से प्रदूषण फैला रहे सभी वाहनों को हटाया जायेगा।
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अधिकारी योगेश का बयान
स्टेट प्रापर्टी अधिकारी योगेश शुक्ल के अनुसार इस समय 245 गाड़ियां राज्य संपत्ति विभाग के अंडर में हैं, जिन वाहनों का लाभ ज्यादातर मुख्यमंत्री या उनके अलावा वरिष्ठ अधिकारी और अन्य वीवीआईपी के आने जाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। योगेश शुक्ल ने कहा कि उनका विभाग हमेशा से पर्यावरण प्रदूषण को लेकर सचेत है। विभाग में पहले से पहले अनफिट वाहनों का समय पे चेकअप करवा कर, ज्यादा प्रदूषण फैला रहे वाहनों को हटा दिया जाता है। वैसे इस समय उत्तर प्रदेश की जनता को जहरीली हवाओं में छोड़ दिया गया है। अब अधिकारियों को प्रदूषण रोकने के नए तरीके ही जनता को राहत दिला सकते हैं।
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