बड़ी खबर : करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोपी UPSIDC का चीफ इंजीनियर अरुण मिश्रा गिरफ्तार

0

उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआईडीए) के निलंबित चीफ इंजीनियर अरुण मिश्रा को कानपुर पुलिस ने आठ साल पुराने 2.11 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया है।

सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सत्यजीत गुप्ता ने कहा कि अरुण कुमार मिश्रा को मंगलवार को चकेरी इलाके में रामादेवी से गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि, मिश्रा 2.11 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोपी है। यह घोटाला चकेरी और पाली के बीच सड़क निर्माण से जुड़ा हुआ है, जो कि फर्जी तरीके से सिर्फ कागजों में दिखाया गया है।

राज्य सरकार ने दस दिन पहले मिश्रा और कई अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी, जिसमें तत्कालीन सहायक इंजीनियर नागेंद्र सिंह और जुनियर इंजीनियर एस. के वर्मा भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि मामले में आरोप पत्र अभी तक दायर नहीं किया गया है।

अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक-

वहीं अन्य आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई है।

यूपीएसआईडीसी के नाम से पहले लोकप्रिय यूपीएसआईडीए ने साल 2009 में प्रयागराज नेशनल हाईवे से चकेरी औद्योगिक क्षेत्र तक पाली गांव से होकर तीन किलोमीटर की सड़क का निर्माण किया था।

पहले 1,940 मीटर लंबी सड़क पब्लिक वर्क्‍स डिपार्टमेंट (पीडब्ल्यूडी) द्वारा बनाई गई थी, लेकिन मिश्रा सहित यूपीएसआईडीए के अधिकारियों ने सड़क के पीडब्ल्यूडी हिस्से को भी अपनी निर्माण परियोजना में दिखाया।

यूपीएसआईडीए के तत्कालीन कार्यकारी इंजीनियर अजीत सिंह, सहायक इंजीनियर नागेंद्र सिंह और जूनियर इंजीनियर एस. के. वर्मा जनवरी 2009 में 2.11 करोड़ रुपये जारी करने में और सड़क का निर्माण कार्तिक एंटरप्राइजेज फर्म द्वारा किए जाने की फर्जी जानकारी देने में शामिल हैं।

यह राशि यूपीएसआईडीए से दो किस्तों में भुगतान की गई थी।

2012 का है मामला-

मामला प्रकाश में आने के बाद यूपीएसआईडीए के तत्कालीन प्रबंध निदेशक मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन ने 2012 में मिश्रा और अन्य के खिलाफ चकेरी पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

करोड़ों रुपये की संपत्ति के मालिक अरुण मिश्रा नोएडा के ट्रोनिका सिटी घोटाले में भी शामिल रहे हैं। उन्होंने सिर्फ कागजों पर कई सड़कों के निर्माण दिखाकर करोड़ों रुपये का घपला किया है। उन पर अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री में हेरफेर करने का भी आरोप लगाया गया है।

मिश्रा को कई बार निलंबित किया जा चुका है, लेकिन उनके राजनीतिक रसूख के कारण उन्हें बहाल कर दिया गया।

यह भी पढ़ें: चंद्रशेखर आजाद ने कहा, ‘यूपी में मेरे काफिले पर गोलियां चलाई गईं’, पुलिस ने किया इनकार

यह भी पढ़ें: एक बार फिर हुआ पुलिस टीम पर भीड़ का हमला, एक सिपाही को घायल कर छीनी राइफल

[better-ads type=”banner” banner=”104009″ campaign=”none” count=”2″ columns=”1″ orderby=”rand” order=”ASC” align=”center” show-caption=”1″][/better-ads]

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। अगर आप डेलीहंट या शेयरचैट इस्तेमाल करते हैं तो हमसे जुड़ें।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More