आयोजनों में आंबेडकर ने गांधी को पीछे छोड़ा

0

आशीष बागची

यूपी की सियासत में सबसे बड़े राजनीतिक ब्रैंड बने बाबा साहेब को लेकर आज दिनभर प्रदेश में भारी गहमागहमी रही। पूरे प्रदेश में अनेकानेक आयोजन हुए। साथ ही सभी राजनीतिक दलों ने आंबेडकर को लेकर अपना नजरिया भी बदला है। आज जहां आंबेडकर को हर आयोजनों में महान बताया गया वहीं लखनऊ में सीएम योगी को दलित अवार्ड दिये जाने का विरोध कर रहे अंबेडकर महासभा के कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया।

 बड़ी वजह कैसे आंबेडकर बने गांधी से बड़े

कारण यह है कि डॉ. आंबेडकर को लेकर सिर्फ नाम ही नहीं बदला गया है बल्कि राजनीतिक दलों का नजरिया भी काफी बदल गया है। आज जो हालत है, उसमें सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कि डॉ. आंबेडकर देश के सबसे बड़े पॉलिटिकल ब्रैंड बन गए हैं। अगर आयोजनों को पैमाना मानें तो डॉ. आंबेडकर ने महात्मा गांधी को भी पीछे छोड़ दिया है।

Also Read :  अंबेडकर जयंती आज, PM मोदी ने दी शुभकामनाएं, कई शहरों में बढ़ाई गई सुरक्षा

इस बार आंबेडकर जयंती (14 अप्रैल) मनाने की पूरे प्रदेश में जैसे एक होड़ है। इसमें कोई संदेह नहीं कि इस बार आंबेडकर जयंती सबसे बड़े पैमाने पर मनाई जा रही है।  इसका बड़ा कारण यूपी में बदला राजनीतिक परिदृश्य है। समाजवादी पार्टी (एसपी) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के साथ आने को ओबीसी और दलित गठजोड़ के रूप में देखा जा रहा है।

हाल में हुआ प्रदर्शन भी वजह

इसके अलावा हाल ही में एससी-एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर हुए आंदोलन ने भी दलित राजनीति को केंद्र में ला दिया है। प्रदेश और देश में हाल ही में हुए घटनाक्रमों ने बीजेपी की दलित राजनीति को चोट पहुंचाई है। ऐसे में भाजपा आंबेडकर जयंती को धूमधाम से मनाकर दलितों में अच्छा संदेश देना चाहती है।

सीएम योगी को दलित मित्र सम्‍मान क्यों?

दूसरी ओर सूबे के सीएम योगी के विरोध में दलितों ने मोर्चा खोल दिया है। सीएम योगी को दलित अवार्ड दिये जाने का विरोध कर रहे अंबेडकर महासभा के कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। दरअसल, अंबेडकर महासभा की ओर से सूबे के सीएम योगी को दलित अवार्ड देने के ऐलान के बाद से महासभा के ही सदस्यों में तनातनी बनी थी।

दलितों में भारी नाराजगी

इस ऐलान के बाद से दलितों ने नाराजगी जतानी शुरू कर दी थी। दलितों का कहना है कि दलित मित्र अवार्ड जैसा कोई सम्मान है ही नहीं, तो महासभा की तरफ से सीएम योगी को दलित मित्र अवार्ड क्यों दिया जा रहा है। इसी के चलते महासभा के सदस्यों ने हजरतगंज स्थित अंबेडकर महासभा कार्यालय पर बवाल काटना शुरु कर दिया।

प्रदर्शनकारी दलित हिरासत में लिये गये

इसके बाद यूपी पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे सदस्यों को हिरासत में ले लिया। महासभा के सदस्य व पूर्व आईएएस हरिश्चन्द्र का कहना है कि हम शांतिपूर्ण तरीके से सीएम योगी को दलित मित्र अवार्ड दिये जाने का विरोध कर रहे थे। पुलिस ने हमें हिरासत में ले लिया है। उनका कहना है कि महासभा की तरफ से दलित मित्र अवार्ड दिये जाने का प्रावधान नहीं है तो महासभा कैसे इस तरह का अवार्ड दे रही है।

हिरासत में पूर्व आईएएस व आईपीएस

पुलिस ने रिटायर्ड आईएएस आई हरिश्चन्द्र, रिटायर्ड आईपीएस एसआर दारापुरी, एन एस चौरसिया और गजोधर प्रसाद को हिरासत में लिया। ये सभी लोग अम्बेडकर महासभा के फाउंडिंग मेंबर हैं।
दलितों वोट घसीटने के लिए चल रही रस्साकसी आज अंबेडकर जयंती के मौके पर सभी राजनीतिक दल अपने-अपने तरीकों से बाबा साहेब पर हक जता रहे हैं। 2019 का चुनाव नजदीक है, लिहाजा सभी पार्टियों की दलितों को अपने खेमे में करने की कोशिश का ही एक हिस्सा है, एवार्ड देना। इसी क्रम में सभी पार्टियां जी-जान से बाबा साहेब पर दावे कर रही हैं और उनके मिशन को पूरा करने की बातें कर रही हैं। लिहाजा दलितों को अपने खेमे में करने की कोशिशों में लोग जुटे हुए हैं। एक तरफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले ही अंबेडकर जयंती को खास बनाने के लिए पार्टी को निर्देश दे रखा है, तो दूसरी तरफ सीएम योगी आदित्‍यनाथ भी तड़के अंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जा पहुंचे। अंबेडकर के नाम पर दलित वोटों को घसीटने के चक्कर में रस्साकसी का दौर चल रहा है। ऐसे में मौका भी अंबेडकर जयंती का हो तो कोई भी राजनीतिक दल इससे दूर भला कैसे रह सकता है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More