भूख से महिला की मौत ,सरकार झाड़ रही है पल्ला

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यूपी सरकार भले ही बरेली में 50 वर्षीय महिला की भूख से मौत होने की बात स्वीकार नहीं कर रही है, लेकिन विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस घटना पर दुखद व निराशा व्यक्त की है और इसे ‘सिस्टम’ की खामी करार दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में कहा कि गरीब महिला की भूख से मौत ‘लोकतंत्र पर धब्बा’ है।
शकीना की मौत भूख से नहीं, बल्कि बीमारी से हुई है
उन्होंने कहा कि अगर महिला बीमार थी और बायोमीट्रिक वैरिफिकेशन के लिए राशन दुकान पर अनाज लेने नहीं जा सकी, तो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए एक प्रणाली होनी चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा, “सिस्टम के नाम पर बनाए गए नियम किसी की जिंदगी से बड़े नहीं हैं, यह काफी दुखद है।”हालांकि, बरेली जिला प्रशासन का कहना है कि शकीना की मौत भूख से नहीं, बल्कि बीमारी से हुई है।
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शकीना के पति और उसके बच्चों के बयान रिकॉर्ड
वहीं, शकीना के परिवार वालों का कहना है कि उसकी मौत भूख से हुई है, क्योंकि राशन लाने दुकान पर गए उसके पति को राशन इसलिए नहीं दिया गया कि राशन कार्ड शकीना के नाम पर था और वह खुद वहां नहीं जा सकी। नायब तहसीलदार, उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और जिला आपूर्ति अधिकारी की अधिकारियों के एक दल ने शकीना के पति और उसके बच्चों के बयान रिकॉर्ड किए हैं।
मृतका के पास उसके बैंक खाते में 4,572 रुपये थे
मीरगंज के एसडीएम राम अक्षय ने भुखमरी के कारण मौत को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा कि यह ‘आधारहीन और झूठ’ है। एसडीएम ने कहा, “हमने डीएम को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। इस तरह से कुछ भी आरोप नहीं लगाया गया है। मृतका के पास उसके बैंक खाते में 4,572 रुपये थे। तो अत्यधिक गरीबी का दावा सही नहीं है। हालांकि, पड़ोसियों का कहना है कि वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थी। भाजपा शासित झारखंड में हाल ही में भूख से एक बच्ची सहित दो लोगों मौत हुई, लेकिन पहले इस पर पर्दा डालने का पूरा प्रयास किया गया था।
(साभार-न्यूज 18)
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