उन्नाव बलात्कार पीड़िता को न्याय, दोषी कुलदीप सेंगर को उम्रकैद

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पीड़िता ने जब थाने में शिकायत दी तो पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करने से इंकार किया। पीड़िता के पिता को यातना दी गयी और मौत के घाट उतार दिया गया। चाचा को एक अन्य मामले में फंसाया गया और फिर पीड़िता के परिवार वाले दुर्घटना का शिकार बने, जो स्पष्ट रूप से किसी साजिश का हिस्सा लगा। ऐसे में पीड़िता का जीवन काफी कष्टमय बीता ।

भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी। सेंगर पर 2017 में उन्नाव में नाबालिग से बलात्कार का दोष सिद्ध हुआ। इस घटना को लेकर पूरे देश में जबर्दस्त गुस्सा था और संसद के भीतर एवं बाहर विरोध प्रदर्शन हुआ।

सेंगर उन्नाव जिले की बांगरमऊ सीट से विधायक थे। उसे 13 अप्रैल 2018 को गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था।

पीड़िता ने किया था आत्मदाह का प्रयास-

पीड़िता ने आठ अप्रैल 2018 को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था। वह उसके साथ बलात्कार के आरोपी विधायक के खिलाफ पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं किये जाने का विरोध कर रही थी।

पीड़िता का आरोप था कि विधायक ने जून 2017 में अपने आवास पर उसका यौन शोषण किया। पीड़िता का यह भी आरोप था कि उसके परिवार वालों को धमकी दी गयी ।

उन्नाव पुलिस ने कहा कि पीड़िता का आरोप था कि 11 जून 2017 को दो युवक उसे उसके गांव से अपहरण कर ले गये थे। उसके बाद 20 जून को मामला दर्ज किया गया ।

पीड़िता की शिकायत पर तीन लोगों के खिलाफ गैंगरेप और पाक्सो कानून के तहत मामला दर्ज किया गया क्योंकि जिस समय पीड़िता के साथ बलात्कार हुआ था, वह नाबालिग थी।

पुलिस ने बताया कि पीड़िता के पिता और चाचा अपराधी थे। पिता के खिलाफ 28 मामले थे, जिनमें हत्या और लूट के मामले शामिल थे। चाचा के खिलाफ भी 15 मामले थे।

पीड़िता ने लगाया था बलात्कार का आरोप-

पीड़िता ने एक अंग्रेजी अखबार को दिये इंटरव्यू में बताया था कि 2017 में चार जून को उसे एक कमरे में ले जाया गया, जहां विधायक ने उसके साथ बलात्कार किया। बाद में उसे धमकाया गया कि अगर मुंह खोला तो पिता और परिवार वालों को मार डालेंगे।

‘मैंने मुंह नहीं खोला लेकिन कुछ दिन बाद 11 जून को मुझे विधायक के लोग अपहरण कर ले गये और कुछ दिन तक गैंगरेप किया । उसके बाद किसी को बेच दिया, जहां से मैं बरामद हुई थी ।’ सेंगर ने हालांकि इन आरोपों से इंकार किया था ।

पीड़िता के पिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया कि उनके शरीर पर घाव के 14 निशान पाये गये थे। दस अप्रैल को 2018 को छह पुलिसकर्मी निलंबित किये गये। विधायक के भाई अतुल सिंह को गिरफ्तार किया गया। बलात्कार के आरोप की जांच के लिए विशेष जांच टीम का गठन किया गया।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर 12 अप्रैल 2018 को जांच सीबीआई को सौंपी गयी। सीबीआई ने अगले दिन सेंगर को गिरफ्तार कर लिया। उच्च न्ययालय के निर्देश पर पुलिस ने 14 अप्रैल को शशि सिंह को गिरफ्तार किया। शशि पर आरोप था कि वह ही पीडिता को बहला फुसलाकर सेंगर के आवास पर ले गयी थी।

सीबीआई ने किया आरोप पत्र दाखिल-

मई 2018 में सीबीआई ने सेंगर और अन्य के खिलाफ पीड़िता के पिता को फर्जी मामले में फंसाने की साजिश के लिए मामला दर्ज किया और दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया।

उच्च न्यायालय के निर्देश पर सेंगर और शशि को उन्नाव जेल से सीतापुर जेल भेज दिया गया। उसके बाद सीबीआई ने सेंगर और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किये।

जुलाई 2019 में पीड़िता के चाचा को हत्या के प्रयास के एक मामले में दोषी ठहराया गया और उन्हें दस साल की कैद हो गयी। इस साल 28 जुलाई को पीड़िता और उसके वकील रायबरेली के गुरूबक्शगंज क्षेत्र में सड़क दुर्घटना में घायल हो गये। दुर्घटना में पीड़िता की चाचियों की मौत हो गयी। वे जिस कार से जा रहे थे, उसे एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी।

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