अंधविश्वास के चलते यूपी पुलिस पालती है थाने में मुर्गे
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के कप्तानगंज थाने को आम भाषा में मुर्गों का थाना भी कहा जाता है। कारण ये है कि थाने परिसर में सैकड़ों मुर्गे रहते हैं। इन मुर्गों को न तो कोई पकड़ता है और ना ही कोई मारता है। मुर्गों की सुरक्षा, रहने, खाने-पीने का इंतेजाम भी थाने की पुलिस करती है। दरअसल कप्तानगंज थाना परिसर में शहीद बाबा की मजार स्थित है। इस मजार से जुड़ी एक दिलचस्प बात यह है की बाबा की मजार पर जिंदा मुर्गा चढ़ाया जाता है। यह सिलसिला कई वर्षों से चला आ रहा है। जिन लोगों की मुराद पूरी हो जाती है। वे मजार पर आकर जिंदा मुर्गा चढ़ाते हैं।
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थाने में मुर्गों के लिए पूरा इंतजाम
इसके बाद मुर्गों को वहीं पर छोड़ कर चले जाते हैं। इन मुर्गों को न तो कोई पकड़ता है और न ही कोई मारता है। यही नहीं मजार पर आने वले लोग इन मुर्गों के खाने के लिए जरूर कुछ न कुछ साथ लेकर आते हैं। इसके अलावा थाने में भी इन मुर्गों के खाने-पीने और रहने का बाकायदा इंतेजाम किया गया है।
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कुत्ते बिल्लियों से बचाने के लिए खास सुरक्षा `
थाने के पीछे मुर्गों के रहने के लिए एक कमरा बनाया गया है। रोज मुर्गों को सुबह खोल दिया जाता है। मुर्गे दिनभर बिंदास थाना परिसर में घूमते-फिरते रहते हैं। रास्ते में आने जाने वाले लोग भी इन मुर्गों को दाना लाकर खिलाते हैं। इन मुर्गों की सबसे बड़ी खासियत है की एक आवाज पर सारे मुर्गे दौड़ कर आ जाते हैं और चारों तरफ से घेर लेते हैं। थाने में तैनात सिपाहियों का कहना है इन मुर्गों को कोई नहीं पकड़ता है, इन मुर्गों की सुरक्षा की जाती है। कुत्ते, बिल्लियों से बचाया जाता है। जो भी मेस में खाना बनता है मुर्गों को भी खिलाया जाता है।
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मुर्गों के रहने के लिए थाने में कमरा बनाया
मजार पर चढ़ाए गए मुर्गों को लेकर तरह-तरह की मान्यताएं हैं। जिसकी वजह से इन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। जानकारी के अनुसार बहुत साल पहले किसी थानेदार ने इन मुर्गों को मेस में खाने के लिए बनवा दिया था और बाकी मुर्गों को बेच भी दिया था। जिसके बाद उस थानेदार को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इसके बाद थानेदार ने बाकायदा प्रायश्चित किया। तब से थाने में किसी पुलिसवाले ने इन मुर्गों को नुकसान नहीं पहुंचाया। बल्कि इन मुर्गों के रहने के लिए कमरा बनाया।