Lifestyle News: घर पर पौधों को लगाने से उसकी सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं. साथ ही वातावरण के लिए भी घर में लगाए पौधे काफी फायदेमंद होते हैं. अक्सर कुछ लोग इन फायदों के साथ घरों की शोभा बढ़ाने के लिए भी पेड़-पौधे लगाते हैं. दूसरी ओर कभी-कभी इन पौधों के आकार बढ़ने के बजाय थम जाते हैं. हालांकि, ये क्रिया पौधों की ग्रोथ पर निर्भर करती है.
पौधे को ग्रोथ देने के लिए सबसे जरूरी है कि उसे सही मात्रा में मिट्टी, धूप, पानी और खाद मिलना चाहिए. ताकि पौधा उपजाऊ होने के साथ ही अपनी खोई हुई ग्रोथ को वापस पा सकें. उदाहरण के तौर पर एलोवेरा के पौधे को ग्रोथ पाने में 3-4 साल का वक्त लगता है. इसकी तुलना में गुलाब के पौधे को बढ़ने में सिर्फ़ 45-50 दिन लगते हैं. हालांकि, किसी भी इनडोर या आउटडोर पौधे की ग्रोथ होने में सहायक भूमिका होती है.
पौधे को तेजी से ऐसे बढ़ाए
घर के बाहर हो या फिर घर के अंदर पौधों को तेजी से बढ़ाने और रहा भरा रखने के लिए उनकी सही तरीके से देखभाल करनी जरूरी होती हैं. क्योंकि , हवा-पानी, रोशनी, मिट्टी के पौषक तत्व और अच्छे से अच्छे खाद पदार्थ होने के साथ ही पौधों को तेज धूप भी दिखाना जरूरी होता है. जिसके चलते पेड़-पौधे हरे भरे होने के साथ ही काफी समय तक टिकाऊ भी हो जाते हैं.तो चलिए आज हम आपको बताते है कि पौधों को कैसे टिकाऊ और ग्रोथ दें.
पोषक तत्वों से भरी हो मिट्टी
पौधों को ग्रोथ और घना बनाने के लिए सबसे पहले अच्छी मिट्टी को अपने हाथों से रगड़ कर बुरादा बना ले, ताकि मिट्टी में गुठ्ठी ना हो, इसके लिए आप जरा भी ये ना सोचे कि आपके हाथ गंदे हो जाएंगे. क्योंकि पौधों को मिट्टी से भरपूर पोषक तत्व देने के लिए ये करना ही जरूरी है. आपको बता दें, एक अच्छी मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ, हवा, पानी, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम सहित सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं.
उर्वरक
पोधों को पौष्टिक देने के लिए जैविक सब्सट्रेट बनाने के लिए, हम जैविक या रासायनिक उर्वरकों को चुन सकते हैं. जैसे कि खाद, खाद और हड्डी का चूर्ण सीधे पौधे या पशु स्रोतों से प्राप्त जैविक उर्वरकों के सही उदाहरण हैं.
सूर्य की रौशनी
सूर्य की रौशनी को पेड़-पौधे के लिए अमृत सामान माना जाता है. आप सोच रहे होंगे कि इसका पेड़ से क्या कनेक्शन है. मगर दिलचस्प बात यह है कि पौधों के खाना बनाने के लिए सूर्य की रौशनी की काफी ज्यादा जरूरत पड़ती है. क्योंकि पेड़-पौधों के आस-पास इसकी कमा होने पर पानी और कार्बन डाइऑक्साइड को विकास के लिए आवश्यक शर्करा और कार्बोहाइड्रेट में बदलने में मुश्किल होती है.