ट्रक मालिक, चालकों और बिचौलिये ने उड़ाया था 1.60 करोड़ का एल्युमिनियम

तीन ट्रक समेत 62803 किलो एल्युमिनियम बरामद, छह गिरफ्तार

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यूपी के सोनभद्र जिले के रेणुकूट से महाराष्ट्र के लिए निकले एल्युमिनियम लदे तीन ट्रकों के बीच रास्ते से गायब होने के मामले का पुलिस ने शनिवार को खुलासा किया. ट्रकों के मालिकों ने ही चालक व बिचैलियों की मिलीभगत से माल सहित ट्रकों को गायब करा दिया था. इस मामले में पुलिस ने तीन ट्रकों पर लदे 62803 किलो एल्युमिनियम बरामद करने के साथ ही छह लोगों अनिल, खंडाला राजेश, संदीप गिरी, तेली मोहनलाल, अजमल व अशफाक को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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इस घटना में 11 लोग शामिल थे. पांच अन्य जालसाजों की पुलिस तलाश कर रही है. बरामद एल्युमिनियम की कीमत 1.60 करोड़ से अधिक बताई है. लम्बा हाथ मारने के चक्कर में इन जालसाजों ने पूरा माल फर्जी ई-वे बिल पर अहमदाबाद की एक फर्म को बेच दिया था. पुलिस लाइन सभागार में सोनभद्र के एसपी डॉ. यशवीर सिंह ने शनिवार को मीडिया घटना का खुलासा करते हुए आरोपितों को मीडिया के सामने पेश किया.

ट्रांसपोर्ट कम्पनी के संचालकों ने पिपरी थाने में दर्ज कराया था मुकदमा

उन्होंने बताया कि पिपरी थाने में 29 फरवरी को ट्रांसपोर्ट कम्पनी के संचालकों ने एल्युमिनियम लदे ट्रकों के रास्ते से गायब होने का मुकदमा दर्ज कराया था. तीन ट्रक 22 फरवरी को रेणुकूट से एल्युमिनियम लादकर महाराष्ट्र के रायगढ़ स्थित जेएसडब्ल्यू स्टील डोल्बी के लिए रवाना हुए थे. जीपीएस लगे ट्रकों का लोकेशन नागपुर मिला. इसके बाद ट्रकें महाराष्ट्र न जाकर गुजरात की ओर चल दीं. ट्रकों के चालकों का मोबाइल आफ हो गया और उनके मालिकों ने किसी भी जानकारी से पल्ला झाड़ लिया. सर्विलांस टीम की मदद से मामले की जांच शुरू हुई. ट्रक चालकों, उनके मालिक व बिचैलिए के फोन को ट्रेस किया गया तो तीनों संदीप गिरी नाम के व्यक्ति बराबर सम्पर्क में रहे. संदीप को हिरासत में लेकर जब पूछताछ शुरू हुई तो राज खुलने लगे.

सूरत का संदीप गिरी निकला मास्टरमाइंड

एसपी ने बताया कि घटना में 11 लोग शामिल थे. पूरे मामले का मास्टर माइंड गुजरात के सूरत का रहनेवाला संदीप गिरी ही निकला. जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि खंडाला के रहनेवाले राजेश ने एक ट्रक के चालक भूपति भाई लखबीर को अपने नाम का सिम उपलब्ध कराया था. संदीप ने माल बिक्री के लिए बिचैलिए की भूमिका निभाई थी. वाहनों के स्वामी इमरान ने काकू उर्फ निर्भय, अशोक व संदीप गिरि की मदद से चोरी का माल बेचने के लिए अजमल खान और अशफाक खान से संपर्क किया. अशफाक और अजमल ने अपने ही सम्बंधियों की फर्म से फर्जी ई-वे बिल तैयार कराया. फिर ट्रकों पर लदे माल को एक अन्य वाहन पर लदवा कर अहमदाबाद के एको आदित्य मेडल फैक्ट्री झाक और संपत एल्युमिनियम प्राइवेट लिमिटेज सांतेज को बेच दिया. छह आरोपितों को गिरफ्तार करने के साथ ही तीन ट्रकों और उस पर लदे 62803 किलो माल बरामद कर लिये गये हैं.

इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

जालसाजी के इस मामले में ट्रक चालक झाबुआ निवासी अनिल कमलिया, गुजरात के खंडाला राजेश भाई, सूरत निवासी मामले के मास्टर माइंड संदीप गिरी, माल को नष्ट करने के लिए वाहन उपलब्ध कराने वाले अहमदाबाद निवासी तेली मोहनलाल नगजी राम, फर्जी ई-वे बिल तैयार करने वाला अहमदाबाद के अजमल खान उर्फ राजा, अशफाक खान, रेणुकूट से माल लोड कराने वाला बिचैलिया काकू उर्फ निर्भय मधुसूदन, ट्रकों के मालिक राजकोट निवासी इमरान काजी, चालक लाला उर्फ भूपत भाई, सूरत निवासी अशोक, सह चालक अहमदाबाद के शिवालय कुमार धीरज लाल के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

 

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