Tripura DM Suspend: जानिये पत्रकारों की क्या है राय
पश्चिमी त्रिपुरा के DM शैलेश यादव पर कार्रवाई की गाज, मांगी माफी
पश्चिमी त्रिपुरा में एक विवाह कार्यक्रम के दौरान प्रशासनिक कार्रवाई करने के बाद सस्पेंड हुए जिलाधिकारी शैलेश यादव के मामले में पत्रकारों की मिली-जुली राय सामने आई है. किसी ने जिलाधिकारी को, तो किसी ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान नियमों को धता बताकर शादी कराने वाले आयोजकों को दोषी ठहराया है.
डीएम की बदसलूकी
दरअसल डीएम की बदसलूकी के नाम से वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर इस विषय पर लोगों ने खुलकर अपनी राय रखी. मामला तूल पकड़ता देख एक्शन मोड में आए मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने भी विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी जिसके बाद वायरल वीडियो के आधार पर डीएम को सस्पेंड कर दिया गया.
मांग ली है माफी
डीएम की दबंग कार्रवाई का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मची गदर के कारण डीएम शैलेश यादव ने माफी भी मांग ली है. अपनी सफाई में उन्होंने पक्ष रखा है कि उनका मकसद किसी को अपमानित करना नहीं था बल्कि लोगों की भलाई के उद्देश्य से उन्होंने यह कदम उठाया.
आपको बता दें सीएम बिप्लब कुमार देब ने इस घटना के बारे में मुख्य सचिव मनोज कुमार से रिपोर्ट तलब की थी.
निशाने पर डीएम
मामले पर पत्रकारिता जगत से जुड़े लोगों ने अपनी राय सोशल मीडिया पर रखी है. स्वयं को लेखक, रिसर्च स्कॉलर, ब्लॉगर बताने वाले तन्मय सूत्रधार की जो राय है उस पर स्वयं आप गौर करें. साभार – ट्विटर –
Agartala West Tripura DM, Shailesh Yadav
drags, slaps guests, groom, priest at a wedding ceremony for not following Covid protocols.Such insane acts…. This isn't acceptable at all.
He must be punished, should be suspended immediately pic.twitter.com/b1yYSBb3oJ— 𝖳𝖺𝗇𝗆𝖺𝗒 𝖲𝗎𝗍𝗋𝖺𝖽𝗁𝖺r 🇮🇳 (@thetanmay_) April 29, 2021
पद से हटा दें
इसी तरह जर्नलिस्ट, यूट्यूबर, ब्लॉगर और तमाम क्रिएटिव मोर्चों पर सक्रिय गिरीश शर्मा ने त्रिपुरा डीएम से जुड़े चार हैशटैग के साथ डीएम को गिरफ्तार करने की सलाह दी.
उन्होंने लिखा है कि, ‘डीएम को निलंबित नहीं किया जाना चाहिए बल्कि पद से हटा दिया जाना चाहिए. ऐसे संवेदनहीन लोगों को अधिकार देना खतरे की घंटी है. भारत को ऐसे अधिकारी होने पर शर्म महसूस होती है.’ साभार – ट्विटर –
#DM_शैलेश_यादव_सस्पेंड
He should not be suspended. He should be terminated from his position. Giving authority to such senseless people is threat. India feel shame of having such Officers.#Tripura #TripuraDM The DM— Girish Sharma (@girish_sharma29) April 29, 2021
IIMC जम्मू के रीजनल डायरेक्टर –
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, जम्मू के प्रोफेसर एवं रीजनल डायरेक्टर प्रो. राकेश गोस्वामी ने त्रिपुरा के 5 विधायकों के उस पत्र का हवाला दिया है जिसमें त्रिपुरा के डीएम पर कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव को लिखा गया है.
5 Tripura MLAs write to chief secretary for action against Tripura DM for his “boorish misbehaviour”. Video of @DMWest_Tripura Shailesh Kumar Yadav raiding a wedding, thrashing guests, slapping priest and grabbing groom by collar has been circulating since y’day pic.twitter.com/UjXXsjlwJS
— प्रो. राकेश गोस्वामी / Prof. Rakesh Goswami (@DrRakeshGoswami) April 28, 2021
डीएम की तारीफ –
प्रोफेसर गोस्वामी के ट्वीट के जवाब में आनंद सिंह ने प्रतिक्रिया में डीएम की कार्रवाई की सराहना की है. उन्होंने लिखा है कि, डीएम द्वारा बहुत अच्छा कार्य. हमें उनके जैसे हजारों और आईएएस चाहिए. उन्होंने जो किया वह उस समय की जरूरत थी.
जब हमारा स्वयं का समाज इस महत्वपूर्ण समय में गैर जिम्मेदाराना हो जाता है, तो कुछ बहादुरों को पूरे समाज को बचाने के लिए आगे आना होगा. डीएम, त्रिपुरा पश्चिम को सलाम.
Very good act by the DM. We need thousands of more IAS like him. What he did was need of the time. When our own society tend to become irresponsible in this critical time, some brave one has to come forward to save the whole society.
Salute to DM, Tripura West. Keep it up.— Anand Singh (@AnandSi16589206) April 28, 2021
पिटाई नाजायज
समाचार एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़े अंशुल सक्सेना लिखते हैं यदि परिवार के पास 10 बजे तक शादी समारोह की अनुमति थी और वह समय पूरा हो चुका था तो डीएम शैलेश यादव उन्हें कार्यक्रम जल्द समाप्त करने कह सकते थे.
क्या पिटाई, दुर्व्यवहार, मनमौजी शासन उचित है? यदि हाँ, तो केवल आम आदमी ही क्यों? कोविड के दौरान राजनेताओं और उनके रिश्तेदारों की शादियों के लिए भी एक ही नियम लागू करें.
If family had permission for wedding ceremony till 10 PM & event exceeded time, DM Shailesh Yadav could've simply ask them to leave
Is beating, abusing, manhandling rule?
If yes, then why only common man? Apply same rule to weddings of politicians & their relatives during Covid
— Anshul Saxena (@AskAnshul) April 28, 2021
डीएम ने नियमानुसार कार्रवाई की
राष्ट्रीय अखबार में काम कर चुके मुंबई निवासी जर्नलिस्ट राधेश्याम यादव की राय है कि, अगर कोरोना नियम के बावजूद जानबूझ कर कानून का उल्लंघन हुआ था, लोगों ने शिकायत की थी, तो डीएम की कार्रवाई उचित ही है. कोरोना प्रतिबंध के तहत सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होने की संख्या भी निर्धारित है.
सरकारी अधिकारियों से बहस करना, काम में रुकावट डालना गलत है. रसूखदार लोगों को लगा कि वे कानून को मैनेज कर लेंगे, लेकिन डीएम ने नियमानुसार कार्रवाई की है.
प्रतिष्ठा धूमिल
छत्तीसगढ़ के रायपुर में कार्यरत सब एडिटर राकेश सोनी की राय जुदा है. मामले में कहना है कि, मेरा मानना है, विवाह कार्यक्रम से जुड़े लोग जितना डीएम के रवैये से आहत नहीं हुए होंगे उससे ज्यादा उनकी प्रतिष्ठा को चोट सोशल मीडिया पर बगैर पहचान छुपाए दिखाए गए वीडियो से पहुंची है.
सोशल मीडिया पर समर्थन/विरोध में इस तरह किसी के द्वारा भी वीडियो, पिक्चर शेयर करने से कई लोगों का जीवन प्रभावित होता है. इस मुद्दे पर ध्यान दिया जाना जरूरी है.
मामले पर यह तो रही पत्रकारों की राय, चंद लोगों को छोड़कर बड़ी संख्या में लोगों ने डीएम के रवैये की आलोचना की है.
किसी ने डीएम को कानूनी प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई करने की सलाह दी है तो किसी ने मीम के जरिये अपनी राय रखी है. ऐसी ही रायशुमारी पर चलते-चलते डालिये नजर – साभार- ट्विटर
DM could have manage the situation in much better way. If they broke the law then he could simply file an FIR or cancel the licence of the marriage hall. But he has no right to beat people like this. #TripuraCM #TripuraDM_suspended #Tripura https://t.co/Pjpo3idtqa
— Aditya Srivastava (@rebel_aditya_) April 29, 2021
Suspended #TheDM #pandit #Tripura #TripuraDM
Life me 1st time Ek IAS k suspension pr bht khusi hue hai. pic.twitter.com/hlalS6l5eB— Ashish Shrivastva (@imashish001) April 28, 2021
बात डीएम की चल रही है लेकिन सोशल मीडिया यूज़र्स इसमें भी नेताओं को घसीट लाए हैं. नेताजी लोगों की रैलियों, सभाओं पर भी जमकर व्यंग बाण चल रहे हैं. प्रशासन को ताकीद दी जा रही है कि कार्रवाई की गाज सिर्फ आम लोगों पर ही नहीं बल्कि रसूखदारों पर भी गिरे तो मानदंड भी कायम होंगे.
ये है पूरा मामला
दरअसल सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हुआ था उसमें डीएम शैलेश कुमार यादव एक विवाह कार्यक्रम में कार्रवाई के दौरान काफी तैश में नजर आ रहे थे.
इस दौरान वे दूल्हा-दुल्हन के साथ ही रिश्ते-नातेदारों से भी बदसलूकी करते दिखे. मैरिज हॉल पर छापा मारते वक्त डीएम ने कोविड गाइड लाइन का पालन नहीं करने वालों की गिरफ्तारी का भी आदेश दिया.
सनद रहे त्रिपुरा में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण सरकार ने सात घंटों का रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू किया है. यह प्रतिबंध 30 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू के रूप में जारी रहेगा. मामले पर क्या है आपकी राय?