सप्ताह नहीं…बस कुछ घंटों में होगी मोबाइल नंबर पोर्टबिलिटी

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नई दिल्ली। टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई मोबाइल नंबर पोर्टबिलिटी (एमएनपी) सिस्टम की समीक्षा करने की सोच रहा है ताकि ग्राहकों के लिए एमएनपी प्रक्रिया को आसान और तेज बनाया जा सके। एमएनपी वह सिस्टम है जिसमें किसी टेलिकॉम कंपनी का कस्टमर अपने मौजूदा मोबाइल नंबर को बदले बिना किसी दूसरी टेलिकॉम कंपनी की सेवाएं ले सकता है।

मुद्दे पर एक कंसल्टेशन पेपर होगा जारी

ट्राई के चेयरमैन आर. एस. शर्मा ने बताया कि रेग्युलेटर इस महीने के आखिर तक इस मुद्दे पर एक कंसल्टेशन पेपर जारी करेगा। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य एमएनपी प्रकिया में लगने वाले समय को कम करना और समूची प्रक्रिया को आसान बनाना है। शर्मा ने कहा, ‘हम एमएनपी प्रक्रिया को तेज करने के लिए कंसल्टेशन पेपर ला रहे हैं। कंसल्टेशन पेपर का लक्ष्य इस प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करना और प्रक्रिया में बदलाव लाना है। हम इस पर काम कर रहे हैं और इसे महीने के आखिर तक जारी किया जाएगा।’

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ट्राई नंबर पोर्ट करने की प्रक्रिया को तेज और आसान बनाने के लिए टेलिकॉम इंडस्ट्री से सलाह लेगा। टाई के एक अधिकारी ने बताया, ‘फिलहाल भारत में नंबर पोर्ट करने में 7 दिन लगते हैं, जबकि इसके उलट दुनियाभर में नंबर पोर्ट करने की प्रक्रिया कुछ घंटों में ही पूरी हो जाती है।

ट्राई की योजना इस प्रक्रिया को और प्रभावशाली बनाने की है। टाई इस बात को भी सुनिश्चित करना चाहता है कि पोर्टबिलिटी की प्रक्रिया के दौरान कोड के लेकर होने वाली समस्या का भी समाधान हो सके।’ गौरतलब है कि रेग्युलेटर ने हाल ही में एमएनपी शुल्क को लगभग 79 प्रतिशत घटाकर अधिकतम 4 रुपये कर दिया था, पहले यह राशि 19 रुपये थी।

NBT

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