बनारस में होगा टमाटर महोत्सव, खूब लगेंगे चटखारे…
अगर आलू को सब्जियों के राजा का खिताब हासिल है तो टमाटर की भी अहमियत कम नहीं है। अगर खाने की थाली से टमाटर गायब हो जाये तो न सब्जी का स्वाद रह जायेगा और न चटनी का। सलाद का तो मार्केट ही बिगड़ जायेगा।
जी हां टमाटर की इसी खासियत के चलते बनारस में टमाटर महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। वाराणसी के टमाटर महोत्सव में स्पेन की तरह टमाटर एक-दूसरे पर फेंकने या उसकी प्यूरी में लोटने-पोटने का तो मौका नहीं मिलेगा लेकिन बल्कि उसके बने स्वादिष्ट व्यंजनों को चखने का अवसर मिलेगा।
वाराणसी क्षेत्र में उगने वाले टमाटर और उससे तैयार होने वाले लजीज व्यंजनों को इंटरनेशल प्लेटफॉर्म पर ले जाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने टमाटर महोत्सव का आयोजन करने का निर्देश दिया है। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन इसकी तैयारी में भी जुट गया है।
सबको ललचाते हैं लजीज व्यंजन-
बनारस में टमाटर महोत्सव का आयोजन आगामी मार्च महीने के दूसरे या तीसरे हफ्ते के शनिवार या रविवार को हो सकता है। सिगरा स्थित शहीद उद्यान का चयन आयोजन स्थल के रूप में किया गया है। इसे हैप्पी स्ट्रीट कार्यक्रम से जोड़ा जा सकता है।
डीएम कौशल राज ने महोत्सव की सफलता के लिए होमसेफ गृहणी, स्थानीय क्लब, होटल, किसान प्रक्षेत्र, खाद्य सुरक्षा जैसे विषयों पर एक आकर्षक वीडियो तैयार करने के लिए कहा है।
उन्होंने बनारस में फेमस टमाटर चाट के ब्रांड को विश्व स्तर तक ले जाने के लिए जीआई रजिस्ट्रेशन तथा टमाटर के सूप, सॉस, सब्जी सहित सैकड़ों प्रयोगों पर कार्यक्रम सहित क्विज आदि कराने और विजेताओं को पुरस्कार देने की भी योजना है।
स्ट्रॉबेरी महोत्सव ने दी प्रेरणा-
वाराणसी में टमाटर महोत्सव के आयोजन की प्रेरणा भारत के विभिन्न शहरों में होने वाले स्ट्रॉबेरी महोत्सव से मिली है। झांसी में हुए इस फेस्टिवल की तर्ज पर बनारस में टमाटर महोत्सव की तैयारी हो रही है।
भारत में स्ट्रॉबेरी के उत्पादन को प्रोत्सान देने के लिए इसका आयोजन विभिन्न जगहों पर किया जाता है। मेघालय, महाबालेश्वर, पंचगनी, झांसी समेत तमाम जगह हैं जहां दो से तीन का स्ट्रॉबेरी महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
इसका काफी फायदा हुआ है। किसान स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए आकर्षित हुए हैं। वहीं मेघालय के यंगस्टर्स के कुछ ग्रुप वैलेंटाइन डे पर लाल गुलाब देने की बजाय स्ट्रॉबेरी गिफ्ट करते हैं ताकि किसानों का फायदा हो सके।
मेघालय में हुई टमाटर महोत्सव की शुरुआत-
टमाटर महोत्सव देन है स्पेन की। माना जाता है कि 1945 से बुनोल में हुई। यहां अगस्त माह के अंतिम बुधवार को इसका आयोजन किया जाता है। जिसमें बड़ी-बड़ी गाड़ियों में भरकर टमाटर लाया जाता है और एक-दूसरे पर फेंका जाता है।
बड़े एरिया में टमाटर और उसकी प्यूरी फैल जाती है। मौज-मस्ती करते हुए लोग इसके खूब लोटते-पोटते हैं। इस आयोजन को देखने के लिए दुनियाभर से टूरिस्ट स्पेन आते हैं। भारत में भी कई शहरों में टमाटर महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
इसकी शुरुआत मेघालय के शिलांग से हुई थी। हालांकि अन्य जगहों पर जो टमाटर महोत्सव मनाया जाता है उसमें टमाटर का उपयोग मौज-मस्ती के लिए किया जात है लेकिन बनारस में मनाया जाने वाले टमाटर महोत्सव में इसका उपयोग इससे तैयार व्यंजनों को इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर ले जाने के लिया किया जाएगा।
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